कांगड़ा।। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के नगरोटा बगवां में शुक्रवार को कुछ लोगों ने तीन मुस्लिम युवकों की पिटाई कर दी। आरोप है कि इन युवकों ने कथित तौर पर एक नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ की थी। इसे लेकर पुलिस ने लड़की की तरफ से आई शिकायत के आधार पर संबंधित धाराओं में मामला भी दर्ज किया है। मगर सवाल उठता है कि पुलिस द्वारा आरोपियों को हिरासत में लेने से पहले ही हिंदुत्ववादी संगठनों के कार्यकर्ता आगे कैसे पहुंच गए और उन्होंने युवकों की कैसे पिटाई कर दी?
खबरों के मुताबिक स्थानीय युवकों ने विश्व हिंदू परिषद के जिला संगठन मंत्री साहिल आहलूवालिया के नेतृत्व में बाजार में जुलूस भी निकाला। ध्यान देने की बात है कि स्थानीय खबरें देने का दावा करने वाले एक फेसबुक पेज “NAZAR Newstv – नगरोटा बगवां/पालमपुर” ने मुस्लिम युवकों की पिटाई की घटना की जानकारी देते हुए जो तस्वीरें पोस्ट की हैं, उनमें सबसे आगे जो शख्स चलता हुआ नजर आ रहा है, उसे लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।
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ध्यान देने की बात यह है कि नगरोटा बगवां से ही संबंध रखने वाला यह शख्स फेसबुक पर खुद को बजरंग दल का पदाधिकारी बताता है। यही नहीं, वह मुस्लिमों के खिलाफ भड़काऊ पोस्टें भी डालता रहता है। नगरोटा में कल यानी 18 मई को हुई घटना से ठीक 6 दिन पहले यानी 12 मई को उसने नगरोटा में रहने वाले प्रवासी मुसलमानों के प्रति एक पोस्ट भी डाली थी।
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इस पोस्ट के छह दिन बाद नगरोटा में ही कथित रूप से छात्रा से छेड़छाड़ करने वाले मुस्लिमों की पिटाई में भी यह शख्स सबसे आगे नजर आ रहा है। एक बात और है कि इस शख्स ने 12 मई को मुस्लिमों के प्रति अपमाजनक और नफरत भरी पोस्ट डाली और 13 मई नगरोटा बगवां में ही ‘लव जिहाद और धर्मांतरण’ संबंधित बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की बैठक में शिरकत की। इसमें वीएचपी के संगठन मंत्री साहिल आहलूवालिया भी मौजूद थे। इस बैठक के कुछ दिन बाद ही नगरोटा में हुई इस घटना पर आहलूवालिया के बयान छपे हैं जिनमें पीटे गए मुस्लिम युवकों पर लव जिहाद से जुड़े होने की आशंका जताई गई है।
ध्यान देने वाली बात यह भी है कि नगरोटा बगवां वाली घटना के दो दिन पहले नूरपुर में एक मृत गाय मिली, जिसके पूंछ और थन कथित तौर पर काटे गए थे। इस घटना को लेकर विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने रैली निकाली। उस दौरान भी रोहित चौहान नाम के शख्स ने 17 तारीख को आईएएस अधिकारी और नूरपूर के एसडीएम आबिद हुसैन के प्रति अपमानजनक शब्द इस्तेमाल किए गए थे। (नीचे स्क्रीनशॉट देखें)
नूरपुर में हुए प्रदर्शन के एक ही दिन बाद यानी 18 तारीख को नगरोटा बगवां में तीन मुसलमान युवकों की पिटाई कर दी गई, जिनपर नाबालिग छात्रा से छेड़छाड़ का आरोप है। इसमें भी यह शख्स एक फेसबुक पेज द्वारा डाली गई घटना से संबंधित तस्वीरों में था। ऐसे में एक हफ्ते के अंदर कांगड़ा में अचानक आए सांप्रदायिक उबाल के पीछे प्रबुद्ध लोग किसी साजिश की आशंका से भी इनकार नहीं कर रहे हैं।
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छात्रा से छेड़छाड़ के दोषियों को जरूर मिले सजा
इस बात से कोई इनकार नहीं किया जा सकता कि पीड़ित छात्रा को इंसाफ मिलना चाहिए और उसके साथ छेड़छाड़ करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। फिर वह किसी भी क्षेत्र, धर्म, संप्रदाय आदि का क्यों न हो। मगर नगरोटा वाले मामले में भी भीड़तंत्र का हावी होना दिखाता है कि कहीं न कहीं पुलिस इस तरह के तत्वों के आगे खुद को बेबस पा रही है।
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सवाल यह भी उठता है कि एक संप्रदाय विशेष के प्रति भड़काऊ पोस्ट डालना, जो कि कानूनन अपराध है और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दंडनीय अपराध है। मगर पुलिस इस मामले में खामोश है। उसने आरोपियों की दुकानें तो बंद करवा दी हैं(पढ़ें), मगर इस संबंध में अभी तक आरोपियों (जो दोष सिद्ध होने तक निर्दोष हैं) को पीटने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है, जो अपनी टाइमलाइन पर खुलेआम कल की घटनाओं की खबरे शेयर कर रहे हैं और गर्व जता रहे हैं।
इस बात की आशंका लगातार बनी हुई है कि अगर कांगड़ा पुलिस एक के बाद एक हो रही घटनाओं पर अंकुश नहीं लगा पाती है तो आने वाले समय में सांप्रदायिक सौहार्द्र को खतरा पैदा हो सकता है।