कुल्लू।। प्रधानमंद्री नरेंद्र मोदी का भाषण दिखाने के दौरान बच्चों को जाति के आधार पर अलग-अलग जगह बिठाने के आरोप में घिरे स्कूल को लेकर एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है। चेष्टा हाई स्कूल में मिड-डे मील खिलाने के दौरान भी भेदभाव की शिकायतें आई थीं। मंगलवार को छात्रों को रोल नंबर के हिसाब से बिठाया गया। मगर कुछ बच्चे खड़े हो गए और स्कूल प्रबंधन सभी को साथ खाना नहीं खिला पाया। (कवर इमेज प्रतीकात्मक है)
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इससे पता चलता है कि नन्हे-मुन्नों के मन में किस कदर जातिवाद का जहर भर चुका है जो वे अपने ही साथियों के साथ बैठकर खाना नहीं खा सकते। यह सोच उन्हें किसी औऱ से नहीं, बल्कि अपने समाज से विरासत में मिली है और अफसोस की बात यह है कि अभी भी ऐसी घटनाओं को कुछ लोग स्वीकारने के बजाय इन्हें झूठी और मनगढ़ंत करार दे रहे हैं। जबकि प्रदेश के अंदरूनी इलाकों में अभी भी जातिवाद मौजूद है।
इसके अलावा एक और वीडियो सामने आया है जिसमें इसी स्कूल के बच्चे ये कहते नजर आ रहे हैं कि जाति के आधार पर बच्चों को किचन में जाने नहीं दिया जाता। इसमें किसी शख्स द्वारा धमकी देने की भी बात कही जा रही है और एक अध्यापक के साथ भी भेदभाव होने का जिक्र किया जा रहा है। यह वीडियो कुछ लोगों ने शेयर किया है मगर संवेदनशील मामले में बच्चों को खतरा होने की आशंका के कारण हम उसे आपके साथ साझा नहीं कर रहे।
इस बीच विभिन्न संगठनों ने उपायुक्त को शिकायत दी है कि हाई स्कूल चेष्टा ही नहीं, कुल्लू के कई स्कूलों में जाति के आधार पर भेदभाव हो रहा है। उन्होंने ऐसा करने देने वाले शिक्षकों को हटाने की मांग की है। मंत्री गोविंद ठाकुर ने इस तरह के मामलों को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।