मंडी।। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र सिराज के जंजैहली सिविल हॉस्पिटल में नाइट ड्यूटी पर तैनात नर्स के लिए 14 जनवरी की रात बहुत भयावह रही। कथित तौर पर चार शराबी अस्पताल में हंगामा करते रहे, नर्स एक घंटे तक थाने का नंबर घुमाती रही, निर्भया हेल्पलाइन पर 22 बार और 100 नंबर 27 बार कॉल किया मगर पुलिस नहीं आई। नर्स ने इस पूरे वाकये को अस्पताल की डायरी में दर्ज किया है।
नर्स ने लिखा है कि रात को शराब पीकर चार लोग एक मरीज लेकर आए जिसके चेहरे पर कट थे। नर्स ने फर्स्ट एड देकर अन्य अस्पताल को रेफर करना चाहा क्योंकि डॉक्टर नहीं था। ध्यान दें, अस्पताल में रात को डॉक्टर नहीं था। नर्स ने टांके लगाने के लिए बगस्याड़ रेफर किया मगर चारों लोग कहने लगे कि थुनाग या जुंजैहली में ही इलाज हो। वे जिद करने लगे कि या फिर 108 ऐंबुलेंस ही उन्हें बगस्याड़ लेकर जाए और वापस भी लेकर आए। नर्स के मुताबिक चौकीदार, फार्मसिस्ट और ड्राइवर से भी दुर्व्यवाहर किया गया। हंगामा करने वालों ने उद्घाटन पट्टिका उखाड़ने की कोशिश की और आग लगाने की धमकी दी।
इस घटनाक्रम से अंदाजा लगाया जा सकता है कि रात को क्या माहौल रहा होगा। मदद न मिलने से निराश नर्स ने लिखा है कि या तो सुरक्षा का इंतजाम किया जाए और पूरा स्टाफ तैनात किया जाए, वरना इस तरह से मेरी ड्यूटी न लगाई जाए।
एक अखबार से बातचीत में मंडी के एसपी अशोक कुमार ने कहा है कि बेशक दोनों पक्षों में समझौता हो गया है मगर फोन न उठाना और कार्रवाई न करना गंभीर लापरवाही है और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि 100 नंबर न लगने की वजह तकनीकी खामी भी हो सकती है। स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने भी मामले को गंभीर बताते हुए स्वंय देखने की बात कहूी है।
मगर नर्स का दावा यदि सही है तो निर्भया हेल्पलाइन और पुलिस हेल्पलाइन नाकाम साबित होती दिखती है। नई सरकार बनने के बावजूद व्यवस्था जस की तस बनी हुई है।