शिमला।। सिराज के विधायक जयराम ठाकुर ने आज शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वह हिमाचल के तेरहवें सीएम बन गए हैं। उनके साथ कुछ मंत्रियों ने भी पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। इनमें एक नाम मंडी से विधायक अनिल शर्मा का भी है, जो चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को नमस्कार कहके भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे। अनिल शर्मा पिछली वीरभद्र सिंह सरकार में भी मंत्री थे, जहां उन्हें पंचायती राज का जिम्मा सौंपा गया था।
गौरतलब है कि पिछले साल जब भाजपा विपक्ष में थी, तब उसने वीरभद्र सरकार पर करप्शन का आरोप लगाया था और एक लिस्ट में उन मंत्रियों और सीपीएस के नाम थे, जिनपर घोटालों के आरोप लगाए थे और यह भी बताया गया था कि उन्होंने ऐसा क्या किया है।
राज्यपाल को सौंपी गई इस चार्जशीट में अनिल शर्मा पर मंडी के करोड़ों के राजमहल भूमि बेनामी सौदे में शामिल होने का आरोप लगाया था। उस समय अनिल शर्मा ने भी बीजेपी पर मानहानि का केस करने की धमकी दी थी।
उस समय भाजपा नेताओं ने कहा था कि जब हमारी सरकार आएगी तो इन सभी मंत्रियों के मामलों की जांच होगी और दोषियों को जेल भेजा जाएगा। अब चूंकि बीजेपी की सरकार बन गई है, ऐसे में देखना होगा कि इस बात को वह पूरी करती है या नहीं। अगर जांच नहीं होगी तो साफ हो जाएगा कि बीजेपी सिर्फ माहौल बनाने के लिए चार्जशीट लाई थी। और अगर अब वह अपनी चार्जशीट के आधार पर कार्रवाई करती है तो देखना होगा कि अनिल शर्मा पर लगाए गए आरोपों की जांच करवाई जाती है या कहीं ऐसा तो नहीं कि बीजेपी उन्हें अपनी पार्टी में आते ही पवित्र मानने लग गई है।
वैसे अगर अब जांच शुरू भी होती है, तब भी अनिल शर्मा मंत्री बन चुके हैं और सत्ताधारी मंत्री के खिलाफ जांच का प्रभावित होना लाजिमी है और उसकी निष्पक्षता भी संदेह के घेरे में होगी।