शिमला।। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने ही शिमला आकर बड़े शोर-शराबे के बीच शिमला के जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट के लिए हवाई सेवा की शुरुआत की थी। ‘उड़ान’ सेवा को लॉन्च करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि यह सेवा ऐसी है कि चप्पल पहनने वाला भी हवाई सफर कर सकेगा। मगर एक महीने के अंदर ही इस सेवा की पोल खुल गई है। दिल्ली-शिमला के बीच हवाई सेवा देने वाली सरकारी कंपनी अलायंस एयर कंपनी ने सिर्फ मनमर्जी के फ्लाइट से शेड्यूल तय कर रही है बल्कि जब चाहे तब फ्लाइट को रद्द भी कर रही है। इससे पहले ‘इन हिमाचल’ बता चुका है कि कैसे यह हवाई सेवा आम आदमी की पहुंच से बाहर है और एक टिकट की कीमत 18000 रुपये तक पहुंच जा रही है।
शनिवार को सुबह एक ऐसा मामला सामने आया कि शिमला के उपायुक्त रोहन ठाकुर को जांच के आदेश देने पड़े हैं। राजधानी में मौसम खराब होने का बहाना बनाकर दिल्ली से शिमला की फ्लाइट को रद्द कर दिया गया जबकि यहां मौसम बिल्कुल साफ था। उपायुक्त रोहन ठाकुर को इसकी जानकारी दी गई। इस पर संज्ञान लेते हुए उपायुक्त ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल से बात की तो उन्हें बताया गया कि जुब्बड़हट्टी का रनवे गीला है। वहीं जब उपायुक्त ने एयरपोर्ट के अधिकारियों से पूछा तो बताया गया कि हवाई पट्टी में कोई दिक्कत नहीं है।
इसके बाद उपायुक्त के स्तर पर समूचे मसले को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सामने उठाया गया। डीसी के दखल के कारण फ्लाईट शिमला के लिए भेजी गई। डीसी ने अब यह मामला उच्चाधिकारियों को जांच के मकसद से भेजा है। डीसी ने सख्त रुख अपनाते हुए हवाई यात्रा सेवा प्रदान करने वाली तमाम एंजेसियों से नियमित उडान के निर्देश दिए है। उन्होंने साफ लहजे में कहा है कि कोताही की सूरत में प्रशासन को सख्त कदम उठाने पर विवश होना पड़ सकता है।
यानी प्रधानमंत्री उद्घाटन कर गए, पीछे से सरकारी कंपनी वही ढीला रवैया अपना रही है। इससे पहले इन हिमाचल ने बताया था कि कैसे यह सेवा आम आदमी की पहुंच से बाहर है। नीचे दिए लिंक पर क्लिक करके पढ़ें पूरी रिपोर्ट।