- सेल्समैन की तरह लोगों के पीछे पड़ रहे हैं बीजेपी के कार्यकर्ता
- बीजेपी कार्यकर्ताओं को देखकर अब कतराने लगी है जनता
हमीरपुर।।
दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बनने की कोशिश में जुटी बीजेपी का सदस्यता अभियान सवालों के घेरे में आने के साथ-साथ मजाक का पात्र भी बन गया है। बीजेपी से जुड़ा हर कोई पदाधिकारी इन दिनों इस कोशिश में जुटा है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों से फॉर्म भरवाकर वह पार्टी की नजरों में सूरमा बन जाए। कॉर्पोरेट सेक्टर की कार्यशैली की तर्ज पर सदस्यता अभियान में ऊपर से नीचे तक हर लेवल के नेता व्यस्त हैं। बड़े नेता नीचे वालों को टारगेट देते हैं और नीचे वाले सड़कों पर फॉर्म लेकर घूम रहे हैं ताकि अपने आका के सामने नंबर बना सकें।
सांकेतिक तस्वीर (The Hindu से साभार) |
बस स्टैंड से लेकर गांव की चाय की दुकान वाली चौपाल तक जहां भी चार व्यक्ति खड़े मिलें, ये नेता जेब से पेन और फॉर्म बुक निकल कर रिक्वेस्ट करने लग जा रहे हैं। मिस कॉल की रिक्वेस्ट पूरी होने पर ये नेता राहत की सांस लेते है कि फलां व्यक्ति बीजेपी से जुड़ गया है। ऐसा ही वाकया हमीरपुर जिले में देखा गया। बस के इंतज़ार में कुछ लोग खड़े थे कि एक ‘नेता जी’ फॉर्म लेकर पहुंच गए। लोगों के बीच कुछ सरकारी कर्मचारी भी थे। अब नेता जी पड़ गए पीछे। ठीक उसी तरह, जैसे डोर टु डोर सेल्समैन प्रॉडक्ट बेचने के लिए पीछे पड़ जाते हैं। अब नेता जी भी लोकल और लोग भी लोकल। तो गांव का आदमी समझकर पिंड छुड़ाने के लिए दो चार बन्दों ने मिस कॉल मार दी और फॉर्म भी भर दिया।
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अब नेता जी ने रिश्तेदारी गिनाकर एक महिला का भी फॉर्म भर दिया। वह बेचारी सरकारी स्कूल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थी। महिला ने बहुत ना-नुकर की पर नेता जी फॉर्म भरकर और मिस कॉल मरवाकर ही माने। अब नेता जी को कौन समझाता कि जनाब! सरकारी कर्मचारी किसी पार्टी का सदस्य नहीं होता। मगर उन्हें तो बस टारगेट पूरा करना था। बाद में जब महिला से किसी ने पूछा कि आप तो अब बीजेपी वाली हो गईं, तो पहाड़ी में महिला कहती है- “फुक्या ए फारम, एनी रिस्तेदारी कढी ती। ना नी करी होई। मिसकॉल मारिओ, बोट थोड़ी पाया। बोट ता मर्जिया ते पाणा।(ऐसी-तैसी इस फॉर्म की। इसने रिश्तेदारी निकाल दी इसलिए न नहीं कह सकी। मिस कॉल मारी है, वोट थोड़े ही डाला है। वोट तो मर्जी से डालूंगी।”
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इस पर सभी ने हंसी के ठहाके लगाए। पार्टी के आला नेता साफ कर चुके हैं कि पार्टी का सदस्य बनाने का मतलब है कि लोगों को पार्टी की विचारधारा और सरकार की नीतियों के बारे में बताकर पहले उन्हें समझाया जाए और उन्हें कन्वींस किया जाए ताकि वे खुद ही सदस्या लेने के इच्छुक हों। इस बारे में इन हिमाचल ने भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय सदस्य और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नरेद्र अत्री से बात की। हमने उन्हें बताया कि ‘इन हिमाचल’ को जानकारी मिली है कि पार्टी के कार्यकर्ता लोगों के पीछे पड़कर फॉर्म भरवा रहे हैं। इस पर जब उनसे प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा इन बातों में कोई सचाई नहीं है।
बीजेवाईएम नेता नरेंदर अत्री से हुई बातचीत का स्क्रीनशॉट |
जिस तरह का वाकया हमीरपुर में देखने को मिला, अगर पूरे प्रदेश और देश में इसी तरीके से अभियान चलाया जा रहा है तो इससे बीजेपी को फायदा होने की संभावनाएं कम ही हैं। क्योंकि लोग औपचारिक रूप से सदस्यता तो ले लेंगे और सदस्यों की संख्या बहुत ज्यादा हो जाएगी। मगर यह संख्या वोटों में भी बदल पाएगी, इसकी उम्मीद कम ही है।