सीरिया में विद्रोहियों ने राजधानी दमिश्क को घेरा, अब क्या करेंगे ईरान के दोस्त और इसराइल के ‘दुश्मन’ बशर अल असद

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सीरिया।। कई सालों से गृहयुुद्ध की मार झेल रहे सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद की सत्ता संकट में है। विद्रोही गुट पिछले कुछ दिनों से अचानक असद की सेना पर हावी पड़े हैं। कई अहम शहरों पर कब्जा करने के बाद उन्होंने वे दमिश्क के पास पहुंच गए हैं।

एक ही हफ़्ते के अंदर हालात इतने बदल गए कि सीरिया के सहयोगी देश ईरान और रूस तक को अपने कदम पीछे खींचने पड़े हैं। अल जजीरा पर प्रकाशित ताजा अपडेट्स बताते हैं कि दरा शहर पर भी विद्रोहियों का कब्जा हो गया है।

विद्रोहियों की कमांडर हसन अब्दुल ग़नी ने कहा है कि होम्स शहर के पास सेना के कैंपों पर उनके लड़ाकों ने कब्जा कर लिया है। वहीं, इराक और सीरिया के सीमाई इलाक़े पर अल काइम शहर के मेयर ने कहा है कि यहां से 2000 सीरियाई सैनिकों ने इराक में भागकर शरण ली है।

सीरियाई सरकार ने ऐसी खबरों को गलत बताया है कि राष्ट्रपति बशर अल असद दमिश्क छोड़कर कहीं और चले गए हैं।

बीबीसी के अनुसार, सीरिया की मदद कर रहे ईरान के रेवल्यूशनरी गार्ड और रूस के नेवल दस्ते भी पीछे हट गए हैं। साथ ही यूएन ने अपने अतिरिक्त स्टाफ़ को कहीं और भेजना शुरू कर दिया है। जमीन पर जरूरी स्टाफ ही मौजूद रहेगा।

इस बीच ब्रिटेन ने चेताया है कि अगर सीरिया और रूस ने विद्रोही लड़ाकों के खिलाफ जंग में केमिकल वेपन इस्तेमाल किए तो ये सीमाओं का उल्लंघन होगा और फिर उनके खिलाफ उचित कदम उठाए जाएंगे।

इस बीच तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप अर्दोआन ने उम्मीद जताई है कि सीरिया में शांति हो। उनके साथ ईरान और रूस ने भी कहा है कि ये संघर्ष तुरंत रुकना चाहिए।

इस जंग में अगर बशर अल असद की सेना की हार होती है तो यह रूस और ईरान के लिए बड़ा झटका होगा। वहीं इसराइल के लिए यह एक तरह से राहत देने वाली बात हो सकती है, क्योंकि ईरान के साथ असद की करीबियों के कारण सीरिया भी उसके लिए तनाव का एक कारण था।

सुबह तक स्पष्ट होगा कि सीरिया की राजधानी दमिश्क पर विद्रोहियों का कब्जा होगा या नहीं।