आजादी के बाद राष्ट्रवाद की भावना में कमी आई: राज्यपाल

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शिमला।। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा है कि राष्ट्रवाद की भावना स्वतंत्रता से पहले प्रखर थी मगर स्वतंत्रता के बाद इसमें कमी नजर आ रही है और इसपर आत्ममंथन होना चाहिए। सुनील उपाध्याय एजुकेशन ट्रस्ट की ओर से स्वतंत्रता के 75 वर्षों पर आयोजित सेमिनार के दौरान राज्यपाल ने यह बात कही।

सुनील उपाध्याय की पुण्य तिथि पर आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा, “उनके सपनों को पूरा करने के लिए हमें आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर किसी न किसी तरह के योगदान देने की शपथ लेनी चाहिए।”

राज्यपाल ने प्रसन्नता जताई कि देश में आज उत्साह का माहौल है। उन्होंने कहा, ‘लेकिन हमें समीक्षा करनी चाहिए कि इन 75 वर्षों में हमने क्या खोया, क्या पाया। भारत की संस्कृति हजारों सालों तक समृद्ध रही लेकिन स्वतंत्रता के बाद हमने दूसरे देशों की ओर देखना शुरू कर दिया और उनकी शैली को अपनाने लगे।”

आर्लेकर ने कहा कि यह हर किसी की जिम्मेदारी है कि इस माहौल को बदले और अपने स्तर पर योगदान दे। उन्होंने ट्रस्ट की ओर से तैयार स्मारिका को जारी किया और सात स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया।

इस अवसर पर मौजूद रहे शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि उपाध्याय ने समाज के लिए बड़ा योगदान दिया और हिमाचल प्रदेश में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन को मजबूती से स्थापित किया।