जयराम सरकार का फैसला- बेटियों के जन्म पर मिलेंगे 51 हजार रुपये

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विनोद भार्गव फ़ॉर इन हिमाचल, शिमला।। शनिवार को हुई राज्य कैबिनेट की मीटिंग में जयराम सरकार ने बेटियों और छात्रों के लिए कई अहम निर्णय लिए। अब बेटियों के जन्म पर राज्य सरकार की ओर से 51 हजार रुपये दिए जाएंगे। इसके साथ ही श्रमिकों के बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में आने वाले खर्च को ध्यान में रखते हुए उन्हें दी जाने वाली आर्थिक सहायता 84 हजार रुपये तक बढ़ा दी गई है।

प्रदेश सचिवालय में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया कि बेटियों के जन्म पर राज्य सरकार 51 हजार रुपये का फ़िक्स्ड डिपॉज़िट देगी। बालिका जन्म उपहार नाम की इस योजना का लाभ दो बेटियों के जन्म तक मिलेगा।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में श्रमिकों के बच्चों और शोध करने वाले छात्रों तक के लिए भी कई अहम निर्णय लिए गए। श्रमिकों के बच्चों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि कई गुना बढ़ा दी गई है।

सरकार द्वारा श्रमिकों के बच्चों के लिए गए निर्णय

श्रमिकों के जो बच्चे पहली से आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें सरकार द्वारा 8400 रुपये प्रतिवर्ष आर्थिक सहायता दी जाएगी। पहले इस योजना के तहत लड़कियों को 8 हजार और लड़कों को 5 हजार रुपये मिलते थे।

इसी तरह पहले 9वीं से 12वीं तक पढ़ने वाले बच्चों को प्रतिवर्ष 12 हजार रुपये मिलेंगे। पहले यह राशि लड़कियों के लिए 11 हजार जबकि लड़कों के लिए आठ हजार रुपये थी।

स्नातक में पढ़ने वाले श्रमिकों के बच्चों को सरकार सालाना 36 हजार रुपये देगी। इससे पहले स्नातक में पढ़ने वाली लड़कियों को 16 हजार और लड़कों को 12 हजार रुपये मिलते थे।

स्नातकोत्तर में पढ़ने वाले छात्रों को जयराम सरकार प्रति वर्ष 60 हजार रुपये देगी। इससे पहले लड़कियों को 36 हजार और लड़कों को 27 हजार रुपये मिलते थे।

पीएचडी करने वालों को अब 1 लाख 20 हजार रुपये दिए जाएंगे। इससे पहले छात्राओं को 36 हजार और छात्रों को लिए 27 हजार रुपये दिए जाते थे।

शगुन योजना भी चला रही है सरकार

प्रदेश सरकार बेटियों के विवाह के लिए शगुन योजना भी चला रही है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ओर से शुरू की गई इस योजना के तहत बेटियों की शादी पर सरकार की ओर से 31 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाती है। इस योजना की शुरुआत इसी वर्ष से हुई है।

इसके अलावा कैबिनेट ने फैसला लिया है कि मानसिक और शारीरिक रूप से दिव्यांग बच्चों को सरकार 20000 रुपये प्रति वर्ष दिए जाएंगे। इसके लिए 50 प्रतिशत या उससे अधिक अक्षमता वाले बच्चे पात्र रहेंगे।