भारत में एक और वैक्सीन का सफल क्लीनिकल ट्रायल, बच्चों पर भी कारगर

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शिमला।। देश की एक और स्वदेशी वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल में खरी उतरी है। यह जायडस कैडिला कंपनी की जायकॉव-डी वैक्सीन है जिसका सफल क्लीनिकल ट्रायल हुआ है। खास बात यह है कि यह वैक्सीन 12 साल और इससे ज्यादा उम्र के बच्चों समेत सभी पर कारगर है।

जायकॉव-डी ने क्लीनिकल ट्रायल पास किए हैं। वैक्सीन को मान्यता देने वाली सेंट्रल ड्रग्स लैबोरेटरी (सीडीएल) कसौली ने बाकायदा अपनी वेबसाइट में इसकी पुष्टि की है। कंपनी ने क्लीनिकल ट्रायल के लिए वैक्सीन के बैच कसौली भेजे थे।

जायडस कैडिला कंपनी ने क्लीनिकल ट्रायल के बाद ड्रग्स कंट्रोलर जरनल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मांगी है। अब कंपनी डीसीजीआई से इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिलते ही वैक्सीन के पब्लिक बैच जांच के लिए दोबारा सेंट्रल ड्रग्स लैबोरेटरी भेजेगी। कंपनी ने लाइसेंस के लिए आवेदन कर दिया है। इसके साथ ही कुछ औपचारिकताओं के बाद इस वैक्सीन को जल्द ही बाजार में उतारने की भी तैयारी है।

सीडीएल कसौली से अंतिम मंजूरी मिलने के बाद कंपनी तीसरी भारतीय वैक्सीन को बाजार में उतारेगी। अभी तक भारत में दो स्वदेशी वैक्सीन को-वैक्सीन, कोविशील्ड उपलब्ध हैं। इसके अलावा रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी को भी सीडीएल कसौली ने मान्यता दी है।

बता दें कि सीडीएल कसौली से मंजूरी मिलने के बाद ही भारत में उत्पाद, आयात व निर्यात होने वाली वैक्सीन को बाजार में उतारा जाता है।

कैसी है जायकॉव-डी वैक्सीन

जायकॉव-डी डीएनए आधारित वैक्सीन है। इसमें कोरोना वायरस का जेनेटिक कोड है जो टीका लगवाने वाले के शरीर में इम्यून सिस्टम को सक्रिय करता है। जायकॉव-डी तीन डोज वाला टीका है। पहला टीका लेने के 28वें दिन दूसरी और 56वें दिन तीसरी डोज लेनी होगी।