शिमला।। हिमाचल प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने बसों का किराया 25 प्रतिशत बढ़ाने के प्रस्ताव पर यू-टर्न ले लिया है। उन्होंने कहा कि अभी इस पर अंतिम फ़ैसला नहीं किया गया है। इससे पहले ऐसी खबरें आई थीं कि राज्य कैबिनेट ने शुक्रवार को हुई बैठक में किराया बढ़ा दिया है और इसकी अधिसूचना जारी होने वाली थी। इन खबरों का विपक्षी दलों और हिमाचल प्रदेश वासियों ने सोशल मीडिया पर विरोध किया था।
शनिवार को परिवहन मंत्री ने माना कि इस विषय पर कैबिनेट में चर्चा हुई थी। उन्होंने कहा, “जब कभी कैबिनेट की बैठक होती है, कई मुद्दों पर औपचारिक और अनौपचारिक तौर पर बात होती है। बसों के किराये में बढ़ोतरी के मुद्दे पर अनौपचारिक तौर पर चर्चा हुई थी मगर कोई फैसला नहीं लिया गया था।”
उन्होंने कहा कि सरकार को किराया बढ़ाने के सुझाव मिल रहे हैं और ट्रांसपोर्टर्स ने भी इस संबंध में मांग की है। हालांकि, उन्होंने कहा कि कोरोना महामारु के कारण विभिन्न वर्गों को आर्थिक नुकसान हुआ है और सरकार समाज के हर वर्ग के कल्याण को ध्यान में रखते हुए इस संबंध में कोई फैसला करेगी।
गौरतलब है कि बहुत से बस ऑपरेटर किराये में 50 फीसदी तक की बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। हालांकि, सरकार ने इस मांग को नहीं माना है और इसकी जगह बसों को पूरी क्षमता के साथ चलाने की इजाजत है। अभी तक बहुत सारे निजी बस ऑपरेटर किराय बढ़ाने की मांग के साथ अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि डीजल का दाम बढ़ने के कारण उन्हें नुकसान हो रहा है और उनकी किराया बढ़ाने की मांग वाजिब है। ऐसी खबरें भी आई थीं कि एचआरटीसी ने भी किराया बढ़ाने का सुझाव दिया है।