तबलीगी जमात: दिल्ली और केंद्र; दोनों सरकारें क्यों सोई रहीं?

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शिमला।। दिल्ली में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों और उनके ज़रिये बड़े पैमाने पर कोरोना संक्रमण फैलने के कारण बीजेपी के संस्थापक सदस्य और हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कड़ी नाराज़गी जताई है। उन्होंने सख़्त लहजे में कहा है कि अगर इस प्रकरण के कारण मासूम लोगों की मौत होती है तो यह हत्या से कम नहीं होगा। इसके लिए उन्होंने दिल्ली और केंद्र, दोनों सरकारों पर सवाल खड़े किए हैं।

वरिष्ठ बीजेपी नेता शांता कुमार ने अपने फ़ेसबुक पेज पर लिखा है कि इस प्रकरण से पूरा देश शर्मसार हुआ है। उन्होंने यह भी कहा है कि इस पूरे मामले में ईमानदारी से कर्तव्य का पालन नहीं हुआ।

शांता कुमार ने इस मामले पर जो कुछ लिखा है, आगे पढ़ें उन्हीं के शब्दों में-

“पूरा देश शर्मसार। तबलीगी जमात का पूरे देश में कोरोना कहर। सोलह दिन बीत जाने के बाद भी आज तक कोई सख्त कार्यवाही नहीं।

दिल्ली में दो सरकारें हैं। तीन हज़ार लोग बाहर के देशों के भी दोनों सरकारों की नाक के नीचे इकट्ठे होते रहे, मस्जिदों में लोगों को इकट्ठा करने के लिए भाषण होते रहे, पता तब लगा जब कोरोना कहर से लोग मरने लगे। उस कार्यक्रम से एक दिन में रोगियों की संख्या 373 बढ़ गई और पूरे देश में कोरोना फैल गया। इस एक भयंकर गलती से सैकड़ों लोग मरेंगे। यह हत्याएं हैं। कौन है इनके लिए जिम्मेदार?

सरकार भाषण रोक सकती थी, हजारों लोगों को जमात में आने से रोक सकती थी, क्यों सोई रही दो सरकारें? बदहवास गरीब प्रवासी सड़कों पर रोक दिए गए परंतु देश की राजधानी में तबलीगी जमात द्वारा इतना गंभीर अपराध क्यों होने दिया गया? इस प्रकार की कुछ गलतियां देश को बर्बाद कर सकती हैं।

निजामुद्दीन इलाके के लोग भी क्यों चुप देखते रहे? एकदम शिकायत करते, शोर मचाते, सरकार के सोए अधिकारियों को जगाते।

फिर वही बात- ईमानदारी से कर्तव्य पालन नहीं हुआ।”

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