शिमला।। पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने शिमला के कोटखाई में हुए गुड़िया केस की फिर से जांच किये जाने की जरूरत बताई है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने सीएम जयराम ठाकुर से आग्रह किया है कि इस मामले में फिर से जांच होनी चाहिए #ताकि हिमाचल के माथे पर लगे कलंक को मिटाया जा सके।’
क्या बोले शांता
पूर्व सीएम शांता ने कहा कि इस मामले को लेकर एक योग्य अधिकारियों की टीम गठित की जाए। उन्होंने कहा, “हिमाचल में कई योग्य अधिकारी हैं और उनमें कुछ रिटायर भी हैं। उन अधिकारियों की मदद भी ली जा सकती है।”
शांता ने कहा कि लोगों के बयान लेकर शक के दायरे में आए लोगों को गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने कहा, “जब मामले में बड़े पुलिस अधिकारी अंदर रह सकते हैं तो लोगों के शक में आए लोगों को क्यों नहीं गिरफ्तार किया जाता है।”
उन्होंने कहा कि ‘इस मामले में सीबीआई की जांच तो लोगों में मजाक बन कर रह गई है। मामले में साफ है कि इसमें बड़े लोगों को बड़े लोगों ने ही बचाया है।’
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, “पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए इस मामले का भाजपा ने जम कर विरोध किया था, पार्टी सड़कों पर उतरी थी। लिहाजा, अब समय आ गया है कि इस मामले में फिर से जांच कर एक कोशिश करनी होगी।”
शांता ने आरोप लगाया, “मामले के साक्ष्यों को भले ही मिटाया गया है, लेकिन हत्या के सबूत कहीं न कहीं मिल ही जाते हैं।”
उन्होंने भारत सरकार से भी कहा कि दुष्क र्म पर जल्द कानून बनना चाहिए। संसद चली हुई है, इसमें कानून पारित करना चाहिए। इसमें दुष्क र्म साबित होने पर छह माह के अंदर आरोपियों फांसी हो। शांता ने कहा कि पुलिस चाहे तो हैदराबाद जैसे अंजाम दे सकती है और चाहे तो गुड़िया मामले की तर्ज पर अपराधियों को बचा सकती है।