शिमला।। अखबारों का काम होता है झूठ से पर्दा उठाना, भ्रम दूर करना और लोगों को जागरूक करना। मगर पंजाब केसरी के हिमाचल वाले फेसबुक पेज ने यूट्यूब से एक वीडियो उठाकर शेयर कर दिया है और लिखा है ‘अगर आप नहीं करते ‘रहस्यमयी शक्तियों’ में यकीन तो आपके लिए है ये वीडियो।’
वीडियो में सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड फुटेज से छेड़छाड़ की गई है। इसमें कहीं गाड़ियां गुब्बारे की तरह हवा में उड़ रही हैं तो कहीं धुंधली सी आकृति किसी को गिरा रही है। वीडियो में दोबारा लिखा है- अगर कैमरे में कैद नहीं होतीं ये तस्वीरें तो नहीं करता कोई ‘विश्वास’ (वीडियो बॉटम पर है)
ये मामूली वीडियो इफेक्ट जिन्हें आजकल बच्चे टिकटोक वीडियो में भी लगा रहे हैं, उन्हें ‘रहस्मय शक्ति’ बताकर अखबार ने व्यूज बटोरने के लिए भ्रम फैलाने की कोशिश की है। हर आदमी इस समझ का नहीं होता कि वह समझ जाए कि वीडियो असली हैं नकली। ऐसे में अखबार और पोर्टल उसके लिए ज्ञान का स्रोत होते हैं।
मगर यही अखबार अगर भ्रम फैलाएं तो किससे उम्मीद रखें? अगर इस रोचक वीडियो को मनोरंजन के लिए शेयर करना ही था तो वायरल वीडियो बोलकर बचा जा सकता था। मगर अखबार ने ऐसे शीर्षक इस्तेमाल किये हैं जैसे वाकई ये घटनाएं हुई हों और इनके पीछे रहस्यमय शक्ति हो। सिर्फ कुछ शब्दों को कोट कर देने से ( ‘ ‘ के बीच रख देने से) वे अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते।
देखें- कैसे भ्रम फैला रहा है अखबार:
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Punjab Kesari / Himachal ಅವರಿಂದ ಈ ದಿನದಂದು ಪೋಸ್ಟ್ ಮಾಡಲಾಗಿದೆ ಶುಕ್ರವಾರ, ಅಕ್ಟೋಬರ್ 18, 2019