मंडी।। मंडी संसदीय क्षेत्र में चुनाव प्रचार दूरी बनाए बैठे ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा का एक पोस्टर वायरल हो गया। पोस्टर में अनिल शर्मा पार्टी के लिए वोट डालने की अपील करते दिख रहे हैं। बेटे आश्रय शर्मा को टिकट मिलने के बाद अनिल शर्मा ने भाजपा से पूरी तरह से दूरी बना रखी है, लेकिन अब इस पोस्टर ने खलबली मच दी है। अनिल शर्मा का कहना है कि अगर यह पोस्टर पार्टी ने जारी किया है तो दुर्भाग्यपूर्ण है।
पोस्टर में अनिल शर्मा के नाम से मतदाताओं से भाजपा के पक्ष में प्रचार करने की अपील की जा रही है। पोस्टर में लिखा है- न मंत्री पद छोड़ूगा और न ही पार्टी। पोस्टर में अनिल शर्मा की फोटो के साथ लिखा गया है एक बार भाजपा बार बार भाजपा।
‘घटिया राजनीति पर उतरी भाजपा’
इधर, भाजपा मंडी जिला महामंत्री चेतराम ने कहा कि उन्होंने भी ऐसा पोस्टर देखा है, लेकिन भाजपा ने यह जारी नहीं किया है। मगर कम्युनिकेशन गैप इतना ज़्यादा हो गया है कि अनिल ने पार्टी से भी पता करने की जहमत नहीं उठाई और मीडिया से कहा- “यह पोस्टर किसने जारी किया, उन्हें मालूम नहीं है। यदि भाजपा ने ऐसा किया है तो वे बेहद घटिया राजनीति पर उतर आए हैं, क्योंकि मैंने खुद कहा था कि बेटे के विरोध में प्रचार नहीं करूंगा।”
यही नहीं, एक अखबार ने अनिल का बयान छापा है’ “मंत्री का झुनझुना पकड़ाकर न तो भाजपा मेरी और न मेरे परिवार की भावना से खेल सकती है। खेद है कि प्रचार के लिए भाजपा ऐसे हथकंडे अपना रही है। सीएम बोलें तो मैं अभी मंत्री पद से त्याग दे दूंगा, लेकिन विधायक हूं और बना रहूंगा, क्योंकि मैं जनता द्वारा चुन कर आया हूं, लेकिन इस्तीफा मांगने के लिए इतनी घटिया राजनीति भाजपा न करे। अगर भाजपा ने यह पोस्टर जारी नहीं किया है तो भाजपा इसका खंडन करे। साथ सरकार इसकी जांच करे।”
उधर पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती ने कहा है कि अनिल शर्मा शिकायत करें तो जांच करेगी। उन्होंने कहा कि यह पोस्टर किसी की शरारत हो सकती है।
भाजपा नेता ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा को पार्टी के पक्ष में प्रचार कर अपना धर्म निभाने की नसीहत दे रहे हैं। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर के बयान के बाद अनिल शर्मा पर इस्तीफे का दबाव और बढ़ गया है। कौल सिंह ने ऐलान किया है कि आश्रय शर्मा के नामांकन के बाद हालात बदलेंगे। वहीं, पंडित सुखराम ने अनिल शर्मा के इस्तीफे को लेकर सही समय पर सही निर्णय लेने की बात कही है।
अनिल शर्मा ने अंतिम बार 25 मार्च को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से परिधि गृह मंडी में मिले थे। पंडित सुखराम व आश्रय शर्मा के कांग्रेस में वापसी की संभावनाओं को देखते हुए धर्म संकट में पड़ने की बात कही थी। इसके बाद अनिल शर्मा ने भाजपा से दूरी बनाकर रखी है। वह पार्टी के किसी कार्यक्रम में शिरकत नहीं कर रहे हैं। इस्तीफे का मामला मुख्यमंत्री व भाजपा नेतृत्व पर छोड़ रखा है।
भाजपा नेता रोजाना पार्टी धर्म निभाने की दुहाई दे रहे हैं, लेकिन अनिल शर्मा पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है। इस गहमागहमी के बीच पोस्टर ने सबको चौंका दिया है।
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