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हिमाचल में क्यों होते हैं इतने हादसे, वजह जानकर हैरान रह जाएंगे आप

तरुण गोयल।।  साल 2014 में हिमाचल सरकार ने रोड एक्सीडेंट डेटा मैनेजमेंट सिस्टम (RADMS) बनाने के लिए TRL लिमिटेड कंपनी से कंसल्टेंसी एग्रीमेंट किया। विदेशी कंपनी, अंग्रेजी ताकतें, महँगा सौदा।

मार्च 2014 में प्रोजेक्ट शुरू हो गया। हेल्थ डिपार्टमेंट, पुलिस महकमा, ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट और क्राइम रिकॉर्ड बयूरो ने मिलकर इस कम्पनी को इनपुट दिए। (क्राइम ब्यूरो और पुलिस विभाग को छोड़ कर अन्य विभागों ने क्या इनपुट दिए, ये कहा नहीं जा सकता।) इस बीच हादसे होते रहे और सरकार ने अक्टूबर 2018 तक दो बार इस कम्पनी का कॉन्ट्रेक्ट रिन्यू किया।

कम्पनी ने एक बहुत अच्छी रिपोर्ट बनाई। 1 अगस्त 2015 से लेकर 30 जून 2018 तक एक्सीडेंट का लेख जोखा तैयार किया। आंकड़ों में अगर ये न लिखा जाए कि ये बस हादसे हैं, तो आपको लगेगा जैसे हिमाचल में हर रोज आतंकी हमले हो रहे हैं और लोगों की जानें जा रही हैं।

पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करके डाउनलोड करें

क्या कहते हैं आंकड़े

जब 2009 में मेरा एक्सीडेंट हुआ था, तो घायलों को 9 हजार मिला था और मृतकों को 20 हजार। मुझे 9 हजार देने के लिए तत्कालीन मंत्री लाव लश्कर के साथ आये थे और चेक/ड्राफ्ट देते हुए फोटो भी खिंचवाया था।

आज की डेट में रेट जरूर बढ़ गए हैं पर जान बहुत सस्ती हो गयी है।

(लेखक हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले से हैं और ट्रैवल ब्लॉगर हैं। यह लेख उन्होंने फेसबुक पर भी पोस्ट किया है।)

ये लेखक के निजी विचार हैं

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