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विधायकों के वेतन से किसी को आपत्ति नहीं होती अगर…

इन हिमाचल डेस्क।। हिमाचल प्रदेश सरकार 50 हज़ार से ज़्यादा के कर्जे में डूबी हुई है। बाबजुद इसके सरकार ने माननीयों के टूर भत्ते अढ़ाई लाख से 4 लाख तक बढ़ा दिए। आए दिन सरकार को घेरने के नाम पर विधानसभा से वॉकआउट करने वाली कांग्रेस ने भी इसका समर्थन किया।

सबकी सहमति से बढ़े विधायकों के भत्ते, बस सिंघा ने किया विरोध

विधायकों के वेतन या भत्ते बढ़ने से किसी को आपत्ति नहीं होती अगर हिमाचल प्रदेश में…

1. लगभग 9 लाख बेरोजगार न होते
2. बाकियों को रोजगार के लिए बड़ी संख्या में बाहरी राज्यों में न जाना पड़ता
3. सरकारी मुलाजिमों को भी ऐसे वेतन या भत्ते मिलते
4. कोई भी व्यक्ति गरीबी रेखा के नीचे न होता
5. किसान और कारोबारी अच्छी आमदनी कर रहे होते
6. किसी को राशन में सब्सिडी न देनी पड़ती
7. सरकारी स्कूलों की पढ़ाई निजी स्कूलों से बेहतर होती
8. अस्पतालों में सब सुविधाएं होतीं, दवा-डॉक्टर सब होते
9. हर गांव में सड़क होती, अच्छा पब्लिक ट्रांसपोर्ट होता
10. ऐसे जरूरतमंद न होते जिनकी मदद करके समाजसेवी फ़ोटो खिंचवा सकें
11. किसी को मिडडे मील या आंगनवाड़ी वर्कर जैसा मामूली मानदेय वाला काम न करना पड़ता
12. अगर हिमाचल पर 50,000 करोड़ का कर्ज न होता
13. सरकार के पास अथाह राजस्व होता
14. हिमाचल में विकास की गंगा बह रही होती
15. किसी क्षेत्र में कोई कमी नहीं होती, हिमाचल की मिसाल दी जा रही होती

और सबसे बड़ी बात, अगर जनता को यह भरोसा होता कि उनके प्रतिनिधि जो कर रहे हैं, जनता और प्रदेश की भलाई के लिए कर रहे हैं, दिन-रात अच्छी नीतियां बनाने में लगे रहते हैं।

आप भी कॉमेंट करके कुछ और कारण जोड़िए कि किसी को विधायकों के वेतन या भत्ते बढ़ने से क्यों और किस स्थिति में कोई आपत्ति नहीं होती।

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