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परिवहन मंत्री ने बताया, क्यों हुई नीली JnNURM बसों की दुर्गति

इन हिमाचल डेस्क।। पिछले दिनों धर्मशाला के एक पत्रकार द्वारा डाली गई तस्वीरों के आधार पर ‘इन हिमाचल’ ने भी मुद्दा उठाया था कि केंद्र सरकार के JnNURM मिशन के तहत मिली नीले रंग की बसों को सदुपयोग क्यों नहीं हो रहा और वे बसें अभी भी खड़ी-खड़ी खराब क्यों हो रही हैं। इस संबंध में परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर के नाम से बनी एक फेसबुक प्रोफाइल पर पोस्ट डालकर विस्तार से सरकार का पक्ष रखा गया है।

Image Credit: FB/Munish Dixit

इसमें बताया गया है कि पिछली सरकार की लापरवाही के कारण ये बसें खड़ी हैं क्योंकि पहले तो इन्हें निर्धारित क्लस्टरों से बाहर चलाया गया और फिर न्यायालय के आदेश के कारण ये खड़ी हो गईं। परिवहन मंत्री ने आश्वासन दिया है कि कुछ बसों को चला दिया गया है और बाकी को एक माह के अंदर चलाने की कोशिश की जाएगी। उनके विस्तृत बयान को आप नीचे पढ़ सकते हैं-

“JnNURM जवाहरलाल नेहरू नेशनल अर्बन रिन्यूअल मिशन के तहत नीली बसों के खड़े होने का सच।”

“आए दिनों विभिन्न संचार माध्यमों से हिमाचल पथ परिवहन निगम की JnNURM बसों के परिवहन निगम के विभिन्न डिपुओं में खड़े होने को लेकर प्रदेश के सजग नागरिकों ने सवाल उठाए हैं, जिसका मैं स्वागत एवं अभिनन्दन करता हूँ, क्योंकि लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक कल्याणकारी राज्य के उद्देश्यों को जनसहभागिता से ही पूरा किया जाना सम्भव है।

मैं विकास एवं कल्याणकारी कार्यों को और अधिक बेहतर बनाने के लिए अनेक मंचों से आप सभी से संवाद कर आपके बहुमूल्य सुझाव लेता रहता हूँ तथा नियमों एवं अधिनियमों की परिधि में इन्हें सरकार के निर्णय और नीतियों में शामिल करने का प्रयास करता हूँ।

JnNURM भारत सरकार की शहरों में मूलभूत सुविधाओं में नवीनीकरण एवं बढोतरी की एक योजना थी जिसके तहत देश के पहाड़ी राज्यों को 2000 बसों की खरीद के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की गई थी। हिमाचल प्रदेश को इस योजना के तहत 791 बसें खरीदने के लिए ₹227.11 करोड़ प्राप्त हुए थे।

इन बसों को परिवहन निगम द्वारा 28 शहरों के 13 निर्धारित क्लस्टर में चलाना था, लेकिन तत्कालीन सरकार ने नियमों की अवहेलना करते हुए 791 में से 325 बसों को निर्धारित क्लस्टर से बाहर चलाया, जिसके विरोध में माननीय हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका संख्या 1727/2017 दाखिल की गई, नतीजतन माननीय न्यायालय ने 24 अगस्त 2017 को निर्देश जारी किए कि क्लस्टर से बाहर चलने वाली बसों को न चलाया जाए। माननीय उच्च न्यायालय का यह निर्णय तत्कालीन कांग्रेस सरकार की एक बहुत बड़ी असफलता थी, जिसका खामियाजा परिवहन निगम अभी तक भुगत रहा है। इन बसों के खड़ी होने पर तत्कालीन सरकार ने कोई कदम नहीं उठाए तथा इन्हें विभिन्न डिपुओं में कवाड़ होने के लिए छोड़ दिया।

JnNURM जवाहरलाल नेहरू नेशनल अर्बन रिन्यूअल मिशन के तहत नीली बसों के खड़े होने का सच।

आए दिनों विभिन्न संचार माध्यमों से…

Posted by Govind Singh Thakur on Tuesday, August 28, 2018

प्रदेश में श्रीमान जयराम ठाकुर जी के नेतृत्व में बनी भाजपा सरकार में मुझे परिवहन विभाग का दायित्व सौंपा गया तो मैंने पहले दिन से ही इन बसों को सड़क पर उतारने के प्रयास किए। मैंने परिवहन विभाग तथा निगम के अधिकारियों को इन बसों को चलाने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिये। मैंने स्वयं हितधारकों से बातचीत की, माननीय न्यायालय में दृढ़ता से परिवहन निगम का पक्ष रखा, न्यायालय के निर्देशों के अनुसार लोगों की आपत्तियों को सुना और उनका निराकरण किया। 23 मई, 2018 को माननीय न्यायालय से हमें राहत प्राप्त हुई और हमने 325 में से 84 बसों को फिर से चला दिया। 29 और बसों को हम इस सप्ताह से चलाने में सक्षम हो जाएंगे तथा शेष 212 बसों को एक माह के भीतर नए रुट प्रकाशित होने के पश्चात चलाने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है।

मेरा प्रदेश की जनता से यही कहना है कि HRTC प्रदेश के लोगों के दैनिक जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है, जिसकी सेहत हम सभी के जीवन को प्रभावित करती है, पूर्व की सरकार के गलत निर्णयों से इसकी सेहत खराब होती रही है तथा आमजन को मिलने वाली सुविधाओं में दुष्प्रभाव के साथ साथ प्रदेश के खजाने पर भी भार बढ़ा है। मैं पहले दिन से इन सभी विषयों को गंभीरता से सुलझाने का प्रयास कर रहा हूँ और मेरा विश्वास है कि इसमें हम अवश्य सफल होंगे क्योंकि प्रदेश की जागरूक जनता तथा प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री दोनों का साथ एवं समर्थन हमें प्राप्त है, हम हिमाचल को अवश्य शिखर की ओर ले जाने में कामयाब होंगे।”

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