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शिमला रेप केस: अब तक जो जानकारियां सामने आई हैं

शिमला।। 2017 के कुख्यात गुड़िया रेप और हत्याकांड के बाद शिमला एक बार फिर इसी तरह के मामले को लेकर देशभर में चर्चा में है। शिमला में रहकर पढ़ाई कर रही हरियाणा की रहने वाली 19 वर्ष की एक युवती ने आरोप लगाया है कि शिमला में अज्ञात लोगों ने उसे गाड़ी में खींचा, बलात्कार किया और सुनसान इलाके में छोड़ दिया। मेडिकल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि होने की खबर है मगर इस बीच पुलिस पर भी लापरवाही के आरोप लगे हैं।

इस मामले में न तो लड़की ने मीडिया से बात की है और न ही पुलिस खुलकर कुछ बोलने को तैयार है। इसलिए जो जानकारी मीडिया तक पहुंच रही है, वह पूरी तरह स्पष्ट नहीं। इस घटना में कौन लोग शामिल थे, किस समय कहां पर घटना हुई, क्या पुलिस ने लड़की को टरकाया था? इन तमाम सवालों के जवाब अभी तक मिल नहीं पाए हैं।

पुलिस ने एसआईटी का गठन किया, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दुख जताते हुए मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं और पुलिस की लापरवाही की मजिस्ट्रियल जांच होगी। विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। विपक्ष सरकार की नाकामी बताते हुए हमलावर है और इस मसले पर राजनीति भी होने लगी है।

अहम सवाल
पुलिस अभी तक इस मामले को सुलझाने में कामयाब नहीं हुई है। जांच जारी है और पुलिस जांच पूरी होने तक कुछ भी कहने से डर ही है। उसका डर इस बात को लेकर भी है क्योंकि पहले गुड़िया रेप केस में जल्दबाजी में पुलिस ने मामले को सुलझाने का दावा किया था मगर बाद में सीबीआई जांच हुई तो कहानी कुछ और ही निकली थी। इसलिए इस बार पुलिस जल्दबाजी नहीं करना चाह रही।

ऐसी चर्चा है कि पहले युवती ने लक्कड़ बाजार पुलिस चौकी में शिकायत की थी कि कुछ लोग उससे छेड़छाड़ कर रहे हैं और उसके बाद कथित तौर पर पुलिसकर्मियों ने उसे ढली थाने में जाने से कहा था मगर बाद में उसके साथ अपराधियों ने वारदात को अंजाम दे दिया। अगर ऐसा वाकई हुआ है तो इसमें पुलिस के रवैये पर बड़े सवाल खड़े होते हैं। हालांकि इस मामले में दूसरा पक्ष यह है कि युवती ने लक्कड़ बाजार पुलिस चौकी जाकर यह जानकारी ही हासिल की थी कि अगर किसी के साथ कोई छेड़छाड़ होती है या पीछा करता है तो लड़कियो को क्या करना चाहिए। ऐसे में वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे कहा था कि गुड़िया हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके मदद ली जा सकती है। बताया ये भी जा रहा है कि गुड़िया हेल्पलाइन का नंबर युवती ने यहीं से लिया था।

बाद में युवती ने गुड़िया हेल्पलाइन में ही शिकायत करके अपने साथ बलात्कार होने की शिकायत की थी। सवाल उठ रहे कि युवती का फोन पुलिस ने मंगलवार को घटनास्थल से बरामद किया। तो युवती ने किस नंबर से शिकायत की थी। क्या उसने वारदात के दौरान मौका पाकर पुलिस को गुड़िया हेल्पलाइन में फोन किया था और बाद में हमलावरों ने उसका फोन फेंक दिया था?

इस बीच पुलिस ने युवती के एक परिचित को भी बीती रात पूछताछ के लिए बुलाया था। बताया जा रहा है कि कॉल डीटेल्स के आधार पर पता चला कि घटना वाली रात इस शख्स से युवती की बात हुई थी। कहा जा रहा है कि युवती ने सबसे पहले घटना की जानकारी इसी मित्र को दी थी और कपड़े मंगवाए थे। अगर ऐसा था तो बाद में लड़की का फोन घटनास्थल पर कैसे रह गया जो पुलिस ने अगले दिन बरामद किया।

युवती ने जिस जगह से अपना अपहरण होने की बात कही है, वह ढली पुलिस स्टेशन से आगे है इसलिए उन रिपोर्टों पर भी सवाल उठ रहे हैं जिनमें कहा जा रहा है कि युवती का अपहरण लक्कड़ बाजार से ढली जाते समय हो गया था। हालांकि ऐसी जानकारी भी सामने आ रही है कि जिस जगह पर युवती ने अपना अपहरण होने की बात कही है, उसके पास के मकानों में लगे सीसीटीवी कैमरों में वह अकेली गुजरती हुई नजर आई है।

क्या है आशंका
ऐसी आशंका जताई जा रही है कि युवती के साथ पहले ही बलात्कार हो चुका था और लक्कड बाजार पुलिस स्टेशन गई जहां वह हिम्मत करके शिकायत नहीं कर सकी और वहां से गुड़िया हेल्पलाइन की जानकारी लेकर निकल गई। फिर वह अकेली घर की ओर निकल पड़ी और वहीं शायद उसने हिम्मत जुटाकर गुड़िया हेल्पलाइन में शिकायत की। जाहिर है, जिस किसी के साथ ऐसी घटना हो, वह कितना घबराया हुआ होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। इसी कारण संभवत: लड़की द्वारा जी जा रही जानकारी में पुलिस को कुछ लूपहोल्स नजर आ रहे हैं।

इस तरह के मामलों में बहुत बार देखा जाता है कि डर या चिंता के कारण भी विक्टिम अपने साथ ऐसी हरकत को अंजाम देने वालों के खिलाफ खुलकर नहीं बोल पाते। इस तरह की घटना को अंजाम देने वाले परिचित हों, तब स्थिति और ऊहापोह की बन जाती है। इसलिए बेहतर होगा कि किसी अच्छे काउंसलर की मदद लेकर पुलिस लड़की से सच जानने की कोशिश करे कि असली कहानी क्या है, कहां उसके साथ इस अपराध को अंजाम दिया गया और इसे अंजाम देने वाला कौन है। फिर जांच को सही दिशा में बढ़ाने की मदद मिलेगी।

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