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करोड़ों के मालिक हैं हिमाचल प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारी

शिमला।। हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा धारा 118 के नियमों के कथित संशोधन करके हिमाचल में काम करने वाले अन्य राज्यों के कर्मचारियों/अधिकारियों के बच्चों को जमीन खरीदने की छूट देने और 30 साल की सीमा हटाने की खबरों के बीच सोशल मीडिया पर प्रशासनिक अधिकारियों की सपंत्ति को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है।

इस संबंध में विभिन्न पेज, प्रोफाइल और ग्रुप तरह-तरह के दावे कर रहे हैं मगर इन दावों को विश्वसनीय नहीं माना जा सकता।  इस कुछ अखबारों की कटिंग्स भी शेयर की जा रही हैं, जिनमें कुछ प्रशासनिक अधिकारियों की संपत्ति का ब्योरा दिया गया है।

इस मामले में हिंदी अखबार दैनिक जागरण की अगस्त महीने की एक रिपोर्ट विश्वसनीय माना जा सकता है। अखबार ने इस ‘करोड़ों के मालिक हैं हिमाचल के ‘लोकसेवक’ शीर्षक के साथ अधिकारियों की संपत्ति की जानकारी प्रकाशित की थी। इसमें दावा किया गया था कि ‘सरकार चलाने वाले आईएएस अधिकारी धन्नासेठों से कम नहीं हैं।’

दैनिक जागरण ने लिखा था कि उसने आरटीआई के जरिए मिली जानकारी के आधार पर कुछ प्रशासनिक अधिकारियों की संपत्ति की जानकारी छापी है। अखबार के मुताबिक ‘कार्मिक मंत्रालय को वर्ष 2017 की इस वर्ष भेजी गई प्रॉपर्टी रिटर्न में इसका खुलासा हुआ है।’

हालांकि करोड़ों का मालिक होना गलत बात नहीं है और हर कोई अपनी वैध आय के हिसाब से संपत्ति अर्जित कर सकता है, जमीन, मकान और अन्य चीजें जोड़ सकता है। इसलिए बिना किसी आधार के किसी के ऊपर यह सवाल नहीं उठाया जा सकता कि उसने क्यों और कैसे यह संपत्ति जोड़ी। बहरहाल, किस अधिकारी की कितनी संपत्ति होने का दावा किया गया था, यह जानने के लिए आप नीचे दिए लिंक पर क्लिक करके ‘दैनिक जागरण’ की रिपोर्ट पढ़ सकते हैं।

करोड़ों के मालिक हैं हिमाचल के ‘लोकसेवक’

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