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कंसल्टेंट ने दिया सुझाव- प्लास्टिक के कचरे से बनाओ पेट्रोल-डीजल

अमित पुरी, धर्मशाला।। नगर निगम धर्मशाला में सुलग रही डंपिंग साइट की आग पर काबू पाने के लिए नगर निगम ने कोशिशें तेज कर दी हैं। निगम प्रशासन के आग्रह पर धर्मशाला पहुंची दिल्ली की कंसल्टेंट डॉक्टर श्यामला के. मणी ने बुधवार को डंपिंग साइट सहित विभिन्न वार्डों का दौरा किया।

जानकारी के अनुसार डॉ. श्यामला ने निगम अधिकारियों को सुझाव दिया है कि इस कचरे में प्लास्टिक वाले कचरे से फ्यूल उत्पादित किए जाने पर विचार किया जाए। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक कचरा फ्यूल बनाने में काम आ सकता है।

डॉ. श्यामला ने कहा कि 5 टन प्लास्टिक कचरे से 2 टन फ्यूल तैयार किया जा सकता है, जिसमें 8 फीसदी पेट्रोल होगा और बाकी डीजल। इसके अतिरिक्त कंसल्टेंट ने कहा कि बायो मिथिनेशन प्लांट भी लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा, “अलग-अलग कचरे से विभिन्न उत्पाद तैयार किए जा सकते हैं।”

बुधवार को कंसल्टेंट ने मैक्लोडगंज, डंपिंग साइट, विभिन्न कम्पोस्टिंग यूनिट सहित अंडरग्राउंड डस्टबिन का भी निरीक्षण किया। एक्सईएन, नगर निगम धर्मशाला संजीव सैनी ने जानकारी देते हुए बताया कि कंसल्टेंट द्वारा बुधवार को मैक्लोडगंज, डंपिंग साइट, कम्पोस्टिंग यूनिट व अंडरग्राउंड डस्टबिन का निरीक्षण किया गया है। उनके द्वारा प्लास्टिक कचरे से फ्यूल तैयार करने तथा डंपिंग साइट की आग पर काबू पाने बारे कुछ सुझाव दिए गए हैं।

क्या प्लास्टिक से बन सकता है पेट्रोल?
प्लास्टिक से ज्वलनशील ईंधन बनाने की प्रक्रिया को प्लास्टिक पाइरोलिसिस कहते हैं। इससे बनने वाले ईंधन से अलग-अलग करके एक विकल्प को डीजल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। हाल ही में हैदराबाद के एक शख्स ने दावा किया था वह 500 किलो प्लास्टिक से 400 लीटर ईंधन बना सकते हैं। यह प्रक्रिया महंगी है और चलन में कम है। ऐसे में देखना होगा कि धर्मशाला को लेकर कंसल्टेंट की ओर से दिया गया सुझाव कितना व्यावहारिक साबित होता है।

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