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मंत्री महेंद्र सिंह की पत्नी का होटल अवैध निर्माण में फंसने पर जयराम सरकार ने बदल दिए नियम!

शिमला।। सबसे पहले शहरी विकास मंत्री सरवीण चौधरी की तरफ से बयान आया था कि सरकार अवैध निर्माण करने वाले होटलों को राहत देगी क्योंकि उनके ‘थोड़े से निर्माण की वजह से पूरे होटल के बिज़नस को प्रभावित नहीं होने दिया जा सकता।’ फिर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि होटल वालों की चिंताओं का निवारण करने के लिए नियम बनाए जा रहे हैं क्योंकि सरकार का फर्ज है कि सभी वर्गों की सुध ले। मगर अब अवैध निर्माण करने वालों को राहत देने की पूरी कवायद के पीछे का असली खेल कुछ और ही नजर आ रहा है।

हिंदी अखबार ‘अमर उजाला’ ने दावा किया है कि सत्ताधारी दिग्गज नेता के रिश्तेदार और रसूखदारों के होटलों में भी अवैध निर्माण किया था और इसीलिए सरकार टीसीपी के नियम बदल रही है। अखबार लिखता है- “सत्ताधारी कद्दावर नेता के रिश्तेदार और रसूखदारों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार अब टीसीपी नियम बदलने जा रही है। सूबे में अवैध तौर पर बने होटलों को बिजली-पानी मुहैया कराने के लिए ऐसा किया जा रहा है। सरकार ने इसके लिए टीसीपी नियमों में संशोधन की मंजूरी दे दी है।” हालांकि यह रसूखदार नेता कौन है, उसका नाम नहीं लिखा गया है। मगर यह सार्वजनिक है कि मंत्री महेंद्र सिंह की पत्नी का होटल भी अवैध निर्माण करने वालों की लिस्ट में था और उनकी ओर से कहा गया था कि वे खुद इस अवैध निर्माण को तोड़ देंगे।

क्या है मामला
बता दें कि कसौली, धर्मशाला कुल्लू और मनाली समेत पूरे हिमाचल में करीब 300 होटलों ने अवैध निर्माण किए थे। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट और एनजीटी के आदेश पर एक तरह से सील कर दिया गया था और बिजली-पानी के कनेक्शन काट दिए गए थे। इनमें तीस से पैंतीस प्रतिशत तक का निर्माण अवैध था। कई होटलों के नक्शे तक अप्रूव नहीं थे। इनमें मौजूदा आईपीएच मिनिस्टर महेंद्र ठाकुर की पत्नी का होटल भी शामिल था, जिसे लेकर बाद में खबर आई थी कि अवैध निर्माण वाले हिस्से को खुद ही गिरा दिया गया है।

अब क्या कर रही है सरकार
अब हिमाचल प्रदेश सरकार नियमों में बदलाव कर रही है ताकि इन होटलों को दोबारा चलाया जा सके। तीन फरवरी को धर्मशाला में हुई कैबिनेट बैठक में जयराम सरकार ने नियमों में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूदी दे दी है। अवैध निर्माण वाला हिस्सा सील रहेगा, वहां बिजली-पानी नहीं होगा लेकिन बाकी एरिया में बिजली-पानी रहेगा। लेकिन सरकार का यह प्रस्ताव बहुत ही हास्यास्पद और अव्यावहारिक है क्योंकि कोई कैसे चेक करेगा कि एक इमारत में बिजली पानी जाए और अवैध हिस्से में न जाए। क्या सरकार हर अवैध होटल में जांच अधिकारी या गार्ड बिठाकर रखेगी।

वीरभद्र सरकार जैसी जयराम सरकार?
पिछली कांग्रेस सरकार जहां अवैध भूमि पर कब्जा करने वालों को राहत देने के लिए बेचैन थी, नई सरकार अवैध निर्माण करने वालों को फायदा पहुंचाने की तैयारी में हैं। सरकार नियम बदलेगी तो सिर्फ होटल वालों को फायदा नहीं होगा, उन लोगों को भी फायदा होगा जिनका नक्शा पास है लेकिन निर्माण के दौरान अतिक्रमण कर दिया था।

यानी ईमानदार लोगों को सजा और बेईमान और नियम तोड़ने वाले लोगों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। साफ मेसेज दिया जा रहा है लोगों को कि आप भी सरकारी भूमि पर कब्जा करें, अवैध निर्माण करें, सरकार उसे आपके नाम कर देगी।

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