Site icon In Himachal | इन हिमाचल

तीन महीने से बरगद के पेड़ के नीचे रह रही थी महिला

गगरेट।। ऊना जिले के गगरेट में एक महिला पिछले तीन महीने से इस वटवृक्ष के नीचे ही डेरा जमाए हुए थी। स्थानीय पत्रकार अविनाश विद्रोही द्वारा यह मामला उठाए जाने के बाद अब मवां सिंधिया की इस महिला को वन स्टॉप सेंटर में भेजा गया है।

दरअसल इस महिला का दावा है कि वह पिछले 20 साल से जमीन विवाद में उलझी हुई हैं। कथित तौर पर इनके पति ने जमीन किसी को बेच दी है और इनको इसकी जानकारी नही थी। फिर, 2012 में डीसी ऊना ने लैंडलेस एक्ट के तहत 5 मरले जमीन अलॉट कर दी। उसपर इस महिला ने एक छोटा सा कमरा बनाया। मगर उस कमरे को गाँव के कुछ लोगों ने तोड़ दिया और मारपीट भी की।

उस समय इस महिला की बेटियां इसे अपने साथ पंजाब ले गई लेकिन उसके बाद से ये लगातार अपनी जमीन को लेकर संघर्ष कर रही है और दावा करती है कि ‘मेरे पति ने किसी को जमीन नहीं बेची है और इन लोगों ने धोखे से जमीन अपने नाम करवाई है।’

लेकिन इस विवाद के बीच यह महिला इस वटवृक्ष के नीचे रह रही थी। बेटियां इन्हें अपने पास ले जाना चाहती हैं मगर इनकी जिद है कि अपने पति का गाँव नहीं छोड़ना है।

मवां सिंधिया के जंगल में ये महिला ऐसी स्थिति में रहती थीं कि कोई आम इंसान इस स्थान पर एक घण्टे भी रुक नही सकता। लेकिन इन्होंने वहां बाकायदा एक चूल्हा बनाया हुआ था और जमीन पर बिस्तर बिछाया हुआ था।

अब महिला को वन स्टॉप सेंटर में भेजने के बाद ज़िला प्रशासन इनकी देखरेख करेगा और जमीनी विवाद को भी सुनेगा।

Exit mobile version