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यह है हिमाचल में ‘लक्ष्य’ से ज्यादा वैक्सीनेशन की वजह

शिमला, विनोद भार्गव फॉर इन हिमाचल।। हिमाचल प्रदेश सरकार ने कहा है कि जल्द ही वह पात्र आबादी को कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लगाने के लक्ष्य को हासिल कर लेगी। हाल ही में राज्य सरकार ने पात्र आबादी को कम से कम एक डोज लगाने का लक्ष्य हासिल किया है। हिमाचल पहला ऐसा राज्य है जिसने अपने यहां इस लक्ष्य को न सिर्फ पूरा किया है बल्कि इससे भी अधिक लोगों को पहली डोज लगाई है।

राज्य के आर्थिक और सांख्यिकी विभाग ने अनुमान दिया था कि हिमाचल प्रदेश में 18 वर्ष या इससे अधिक आयु के 53 लाख 77 हज़ार 820 लोग हैं जिन्हें वैक्सीन लगानी होगी। इस अनुमान के आधार पर ही राज्य वैक्सीन की मांग तय करते हैं। मगर अब तक इस लक्ष्य से भी ज्यादा 55 लाख 78 हजार 348 लोगों को पहली डोज़ लगाई जा चुकी है।

इस बीच लोगों के बीच यह भी चर्चा हो रही है कि लक्ष्य से अधिक वैक्सीनेशन कैसे हो रहा है और जब कुछ लोगों ने वैक्सीन लगवाई ही नहीं तो शत प्रतिशत लक्ष्य कैसे प्राप्त हुआ। इसकी कई वजहें हैं। मुख्य कारण तो यह बताए जा रहे हैं कि 18+ आयु वर्ग में हर दिन नए लोग शामिल हो रहे हैं और प्रवासियों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है।

अधिकतर युवा आबादी वाले हिमाचल प्रदेश में हर रोज हज़ारों किशोर 18 वर्ष की आयु पूरी करते हैं। इस तरह से देखें तो टीकाकरण अभियान शुरू होने के समय दिए गए वयस्कों के प्रारंभिक आंकड़े में ही अब तक हज़ारों नए वयस्क जुड़ चुके हैं। हर दिन सामने आने वाले फर्स्ट डोज़ के आंकड़ों में इनकी संख्या भी शामिल रहती है।

इसके अलावा पड़ोसी राज्यों के भी कई लोगों ने हिमाचल प्रदेश में आकर वैक्सीन लगवाई। हिमाचल घूमने आने वाले कई पर्यटक भी यहां वैक्सीन उपलब्ध होने के कारण डोज़ लगवाकर लौट रहे हैं। इसके अलावा औद्योगिक क्षेत्रों में रहने वाले प्रवासी श्रमिकों को भी वैक्सीन दी जा रही है। अन्य राज्यों में रहने वाले हिमाचलवासी भी घर लौटकर वैक्सीन लगवा रहे हैं।

यही वजह है कि हर रोज फर्स्ट डोज लगवाने वाले नए लोगों की संख्या सामने आ रही है। हालांकि, हिमाचल में कई लोग ऐसे भी हैं जो पर्याप्त डोज उपलब्ध होने के बावजूद वैक्सीन लगवाने नहीं जा रहे। इनमें कई जाने-माने चेहरे भी हैं जो जनता के लिए मिसाल बनने के बजाय उन्हें गुमराह करने में जुटे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना महामारी पर पूरी तरह विजय तभी पाई जा सकती है जब सभी लोगों में वैक्सीन के माध्यम से इम्यूनिटी पैदा हो जाए।

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