पालमपुर।। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान वीर सावरकर पर राहुल गांधी की ओर से की गई टिप्पणी पर वरिष्ठ बीजेपी नेता शांता कुमार ने आपत्ति जताई है। साथ ही उन्होंने राहुल गांधी से इस बयान के लिए माफ़ी मांगने के लिए कहा है।हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने कहा है कि भारत के महान क्रांतिकारी देशभक्त वीर सावरकर के संबंध में आपत्तिजनक बयान देकर राहुल गांधी ने पूरे स्वतन्त्रता आंदोलन के शहीदों का अपमान किया है। शांता कुमार ने आगे कहा कि कांग्रेस में समझदार नेता उन्हें (राहुल गांधी) सलाह दें और वह पूरे देश से क्षमा याचना करें।
‘आज़ादी के लड़ाई के लिए 27 वर्ष जेल में बिताए’
शांता कुमार ने कहा कि आजादी की लड़ाई में जीवन के 27 वर्ष जेल में बिताने वाले वीर सावरकर ने उसमें से भी 11 वर्ष काला पानी की जेल में बिताये थे। मुझे अंडेमान में जेल की उस काल कोठरी को देखने का सौभाग्य मिला था। उसे देखकर आंखें बन्द करके हाथ जोड़कर मैने उस महान क्रांतिकारी को प्रणाम किया जिसने लगभग 10 फुट लंबी चौड़ी उस अंधेरी कोठरी में लगभग 11 वर्ष व्यतीत किए और उसकी दीवारों पर अपनी नई कविता लिखकर उसको याद करके फिर मिटा कर अपने साहित्य का सृजन किया।
शांता कुमार ने कहा कि उन्हें जब अंडेमान ले जाया जा रहा था तो समुद्री जहाज के बाथरूम के नीचे से समंदर में छलांग लगा दी। करीब 17 किलोमीटर तैरकर जब वह किनारे पहुंचे। वहां उन्हें फ्रांस की सरकार ने पकड़कर अंग्रेजों को सौंप दिया। यह विश्व के इतिहास का एकमात्र उदारहण है कि कोई देशभक्त इस प्रकार समंदर में तैरकर बाहर निकला हो।
सावरकर की पुस्तक पर छपने से पहले ही लग गया प्रतिबंध
शांता कुमार ने कहा कि अंग्रेजों ने 1857 के स्वतन्त्रता संग्राम को सिपाही विद्रोह कह कर दबाने की कोशिश की थी। इस संबंध में उन्होंने खोजपूर्ण पुस्तक लिखी। लंदन में इंडिया हाउस पुस्तकालय का उपयोग करते हुए जैसे ही पुस्तक पूरी हुई तो अंग्रेजी सरकार को इसकी भनक लग गई। अंग्रेज़ी हुकूमत ने तुरंत पुस्तक छपने पर प्रतिबंध लगा दिया। मैडम कामा की मदद से यह पुस्तक हॉलैंड में छपी फिर फ्रांस में पहुंची और उसके बाद भारत। उन्होंने कहा कि यह भी विश्व इतिहास का एकमात्र उदारहण है कि किसी लेखक की पुस्तक पर छपने से पहले प्रतिबंध लगा हो। 1857 के हजारों देशभक्तों के उस ऐतिहासिक प्रयास को स्वतन्त्रता का प्रथम संग्राम सिद्ध करने का ऐतिहासिक काम वीर सावरकर ने किया।
‘देश से क्षमा याचना करें राहुल गांधी’
शांता कुमार ने कहा कि उन्होंने क्रांतिकारी इतिहास का गहरा अध्ययन किया है और उस पर एक पुस्तक भी लिखी है। अपनी पुस्तक की भूमिका लेने के लिए वह वीर सावरकर को मुंबई में मिले थे। पूरे क्रांतिकारी इतिहास में राहुल गांधी के आरोप का कोई प्रामाणिक वर्णन नहीं है। कई बार सोची समझी योजना के अनुसार क्रांतिकारी ऐसे पत्र लिखते थे। फिर जेल से निकलते थे और फिर गुप्त क्रांतिकारी आन्दोलन में शामिल हो जाते थे। कई बार क्रांतिकारी आंदोलन को बदनाम करने के लिए भी सरकार इस प्रकार के पत्रों का समाचार पत्रों में ज़िक्र करती थी। शांता कुमार ने कहा कि राहुल गांधी यदि वीर सावरकर पर की गई टिप्पणी के लिए देश से क्षमा याचना नहीं करते तो उनकी भारत जोड़ो यात्रा भारत अपमान यात्रा बन जाएगी।
आख़िर वार सावरकर पर राहुल गांधी ने क्या कहा है
राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हैं। इस यात्रा के दौरान महाराष्ट्र में राहुल गांधी ने जो बातें कही उसी से विवाद पनप गया है। इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने कहा ‘सावरकर जी ने अंग्रेजों की मदद की। उन्होंने अंग्रेजों को चिट्ठी लिखकर कहा – सर, मैं आपका नौकर रहना चाहता हूं।’ राहुल गांधी ने यह भी कहा, ‘जब सावरकर जी ने माफीनामे पर हस्ताक्षर किए तो उसका कारण डर था। अगर वह डरते नहीं तो वह कभी हस्ताक्षर नहीं करते। इससे उन्होंने महात्मा गांधी और उस वक्त के नेताओं के साथ धोखा किया।