शिमला।। हिमाचल प्रदेश में प्राइवेट यूनिवर्सिटीज को ट्यूशन फीस दो किश्तों में लेनी होगी। यूनिवर्सिटी प्रबंधन एक किश्त में ट्यूशन फीस देने का दबाव नहीं बना सकेंगे। प्राइवेट यूनिवर्सिटीज में शैक्षणिक सत्र 2021-22 में मेडिकल कोर्सों के लिए फीस निर्धारित कर दी गई है। प्राइवेट यूनिवर्सिटीज से प्रताव प्राप्त हुए थे, जिन पर कई दिन तक विचार करने के बाद गुरुवार को उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव ने फीस का ढांचा जारी कर दिया है।
इसमें स्पष्ट किया है कि कोर्स पूरा होने फीस में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। कोर्स पूरा होने तक नया फीस ढांचा ही लागू रहेगा। इसमें यह भी साफ किया गया है कि प्राइवेट यूनिवर्सिटीज पहले की तरह बिल्डिंग, इन्फ्रास्ट्रक्चर और डेवलपमेंट फंड विद्यार्थियों से नहीं वसूलेंगे। अगर किसी संस्थान द्वारा इन नियमों का पालन नहीं किया जाता है, तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लायी जाएगी।
सरकार को हर साल नया सत्र शुरू होने से पहले फीस ढांचा तय करना होता है। नए फीस ढांचे के अनुसार प्राइवेट यूनिवर्सिटीज सरकार की मंजूरी के बिना कोई भी नया कोर्स शुरू नहीं कर सकेंगीं। वहीं, अगर कोई ऐसा कोर्स है जिसे सरकार की मंजूरी नहीं मिली है और फीस कमेटी ने उसका फीस ढांचा तय कर दिया है तो ऐसा कोर्स मान्य नहीं होगा।
प्राइवेट यूनिवर्सिटीज को यूजीसी के निर्देशानुसार ही शिक्षक भर्ती करनी पड़ेगी। वहीं, विद्यार्थियों को सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी देनी होंगी। इसके अलावा, यूनिवर्सिटी को हिमाचली बोनाफाइड, बीपीएल, आईआरडीपी विद्यार्थियों के लिए दस फीसदी सीटें आरक्षित रखनी होंगी। साथ ही इनसे ट्यूशन फीस भी नहीं ली जाएगी। वहीं, जो विद्यार्थी पहले से यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे हैं, उन पर नया फीस ढांचा लागू नहीं होगा।
इन यूनिवर्सिटीज के लिए तय हुआ फीस ढांचा
नया फीस ढांचा एपी गोयल यूनिवर्सिटी, महर्षि मार्कंडेश्वर यूनिवर्सिटी, महाराजा अग्रसेन यूनिवर्सिटी, अभिलाषी यूनिवर्सिटी, श्री साईं यूनिवर्सिटी, शूलिनी यूनिवर्सिटी ऑफ बायो टेक्नालॉजी और मैनेजमेंट स्टडी, अरनी यूनिवर्सिटी, बद्दी यूनिवर्सिटी ऑफ इमर्जिंग साइंस एंड टेक्नालॉजी, बाहरा यूनिवर्सिटी, आईईसी यूनिवर्सिटी, कैरियर प्वाइंट यूनिवर्सिटी, इंडस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, चितकारा यूनिवर्सिटी, आईसीएफएआई यूनिवर्सिटी और इटरनल यूनिवर्सिटी के लिए तय किया गया है।