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हिमाचल में अब महंगा पड़ेगा पशुओं को बेसहारा छोड़ना

शिमला।। पशुओं को बेसहारा छोड़ने वालों पर अब 5000 रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। पहले यह जुर्माना राशि 500 रुपये थी जिसे अब बढ़ाया जा रहा है। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने विधानसभा में विधायक रमेश धवाला और पवन काजल द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में यह जानकारी दी है।

कंवर ने कहा कि लोग पशुओं को बेसहारा न छोड़ें, इसके लिए जुर्माना राशि को बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार नियमों में सख्ती करने जा रही है। इस संबंध में हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 2006 में जल्द संशोधन किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पशुओं को लावारिस छोड़ने की स्थिति में पंचायत के पास 500 से 700 रुपये जुर्माना करने का अधिकार है। लेकिन राजनीतिक कारणों से वह इस पर अमल नहीं करते हैं। इसलिए सरकार अब एसडीएम और तहसीलदार को भी पशुओं को लावारिस छोड़ने वालों पर जुर्माना करने का अधिकार देने जा रही है।

मंत्री ने यह भी बताया कि प्रदेश में कोटला बड़ोग, थानाकलां थाना खास और हांडा कुंडी में तीन गौ अभयारण्य खोले गए हैं। इनमें 867 गौवंश को आश्रय प्रदान किया जा रहा है। गौसेवा आयोग के गठन के बाद अब तक 198 गौसदनों में से 101 आयोग से पंजीकृत हैं। उस समय 7500 पशु गौसदनों में थे। अब 17407 गौवंश गौसदनों और गौ अभयारण्य में रखे गए हैं। प्रत्येक पशु के रखरखाव के लिए 500 रुपये दिए जा रहे हैं।

गौ अभयारण्यों के निर्माण पर 7.7 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। कई बड़े गौ अभयारण्य का कार्य तेजी से चला है। अभी तक लुथान में 3.57 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इसमें 800 से 1000 पशु रखे जाएंगे। गौसदनों को लाभ में लाने के लिए कार्य किया जा रहा है। अब खेती के लिए बैलों का प्रयोग बंद होने से दिक्कत बढ़ी है। इस समस्या से निजात पाने के लिए एक प्रोजेक्ट केंद्र को भेजा है। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से किसानों को सस्ती दर पर फीमेल सीमन उपलब्ध करवाया जाएगा।

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि सिरमौर जिला को बेसहारा पशु मुक्त किया गया है। कांगड़ा जिला में कई गौ अभ्यारण्य बन रहे हैं और इनके बनने पर समस्या काफी हद तक दूर होगी। जून 2022 तक अधिकांश गौवंश को सड़क से हटाकर गौ अभयारण्य में ले जाने का लक्ष्य है। इसके लिए सरकार तेजी से कार्य कर रही है। बंगाणा में गोकुल ग्राम बन रहा है। गोकुल ग्राम बनने पर वहां भारतीय नस्ल के अच्छे गौवंश रखे जाएंगे।

कैसे होगी पशुओं को लावारिस छोड़ने वालों की पहचान

भले ही सरकार ने पशुओं को लावारिस छोड़ने वालों पर जुर्माना राशि बढ़ा दी हो। तहसीलदार और एसडीएम को जुर्माना करने की शक्तियां दे दी हों। मगर पशुओं को आवारा छोड़ने वालों की पहचान कैसे होगी, इस पर कोई भी रणनीति तैयार नहीं है।

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