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अफ़सरों को आपदा फंड से दिए 3 लाख के स्मार्टफ़ोन, कुछ के नंबर ऐक्टिव नहीं

प्रतीकात्मक तस्वीर

शिमला।। कोरोना संकट के कारण बाहर फँसे हिमाचलियों की सुविधा के लिए सरकार की ओर से नियुक्त नोडल अधिकारियों को दो लाख 90 हज़ार रुपये के स्मार्टफ़ोन ख़रीदकर दिए गए है। यह मामला पूरे हिमाचल में चर्चा का विषय बना हुआ है। एक स्मार्टफ़ोन का दाम 17,900 रुपये है।  दैनिक जागरण अख़बार का कहना है कि ये रक़म आपदा फंड से खर्च की गई है।

इन स्मार्टफोन्स को नए नंबरों के साथ अधिकारियों को दिया गया है। ऐसी शिकायतें भी आ रही थीं कि इन नंबरों पर कॉल किया जाए तो कोई उठा नहीं रहा। इसकी पड़ताल के लिए ‘इन हिमाचल’ ने रैंडम चेक किया तो पाया कि कुछ नंबरों को वाक़ई उठाया नहीं जा रहा तो कुछ पर इनकमिंग की सुविधा ही नहीं है। हालाँकि, राहत की बात ये है कि कुछ नंबरों को उठाया जा रहा है

चेकिंग के लिए इन हिमाचल ने तामिलनाडु, आंध्र प्रदेश व तेलंगाना के लिए वित्त सचिव अक्षय सूद के नाम पर जारी 9459472832 पर शनिवार दोपहर कॉल किया तो इनकमिंग कॉल फ़ैसिलिटी नहीं मिली। जिस नंबर पर कॉल ही न पो पाए ऐसे नंबर भला किस काम के?

रैंडम चेकिंग के तहत मनमोहन शर्मा (निदेशक कार्मिक) को असम, मिजोरम, अरुणाचल, मणिपुर, नगालैंड, त्रिपुरा व मेघालय के लिए नोडल ऑफ़िसर बनाया गया है। इनके नंबर 9459457476 पर दोपहर कॉल किया गया तो उठाया नहीं गया। हो सकता है कि व्यस्त रहे हों। हालाँकि, अच्छी बात यह थी कि मंडलायुक्त शिमला राजीव शर्मा, जो कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और उत्तराखंड के नोडल ऑफ़िसर बनाए गए हैं, के नाम पर जारी नंबर 9459455714 पर कॉल किया गया तो पहले वह मिस हो गई मगर दूसरी तरफ़ से कॉल बैक आया।

सवाल ये भी उठ रहे हैं कि जब सरकार ने पहले ही हेल्पलाइन नंबर जारी किए हुए हैं तो अधिकारियों को फ़ोन क्यों दिए गए। मगर सरकार का कहना है कि अधिकारियों के निजी फ़ोन वॉट्सऐप मेसेज आदि से भर गए थे जिससे उन्हें अन्य कामों में भी दिक़्क़त हो रही थी, इसलिए अस्थायी तौर पर उन्हें ये फ़ोन दिए गए हैं।

किसके लिए कौन सा नंबर

(स्रोत- जागरण)

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