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मलाणा भांग से दवाई वाली किस्म बनाएगी न्यूजीलैंड की कंपनी

सोलन।। न्यूजीलैंड की ग्रीन लैब कंपनी हिमाचल में भांग के पौधों पर रिसर्च करेगी। कंपनी ने एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी पालमपुर के साथ इस संबंध में एमओयू साइन किया है। हिमाचल प्रदेश के बद्दी में भी कंपनी की ब्रांच है।

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भांग में कई ऐसे कंपाउंड होते हैं, जिनका इस्तेमाल दवाइयों में किया जाता है। अभी तक लकवा की दवाई में भांग का प्रयोग किया जाता है, लेकिन लोग इसका प्रयोग ज्यादातर नशे के लिए करते हैं। अब वैज्ञानिकों द्वारा इसके नशे के तत्वों को दूर करके मेडिसिनल तत्वों को प्रमोट किया जाएगा और भांग के पौधे को नई ब्रीड दी जाएगी। विदेशों में पहले ही भांग के पौधों पर रिसर्च हो रही है। अब भारत में भी भांग के पौधों पर रिसर्च की जाएगी।

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ग्रीन लैब कंपनी के डायरेक्टर लोकेश शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सोमवार को पालमपुर में इस रिसर्च के लिए हरी झंडी देंगे। न्यूजीलैंड से वैज्ञानिक डॉ. परमजीत रंधावा और डॉ. रुपेंद्र बराड़ कंपनी की ओर से एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के साथ इस रिसर्च में हिस्सा लेंगे।

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हिमाचल के मलाणा में पाई जाने वाली भांग प्राकृतिक तत्वों से भरपूर है। अभी तक लोग अवैध तरीके से नशीले पदार्थों के तस्करी के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। अगर रिसर्च में इसके मेडिसिनल तत्वों का पता लग जाता है तो लोग इसकी लोग खेती करना शुरू कर देंगे। अभी तक तो इसे नष्ट किया जाता है। लोकेश शर्मा ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण कार्य प्रभावित हुआ है। जिस वजह से रिसर्च का कर शुरू करने में देरी हुई है।

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