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सीएम सुक्खू अब समोसे पर एफ़आईआर कर हिमाचल प्रदेश मीडिया को डराना चाह रहे हैं: जयराम ठाकुर

जयराम ठाकुर (पूर्व मुख्यमंत्री)

शिमला।। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार मीडिया की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने समोसे की जांच रिपोर्ट लीक होने के मामले में मीडिया को निशाने पर लेने की योजना बनाई है जो कि सीधे तौर पर मीडिया की आजादी पर प्रहार है।

जयराम ठाकुर ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि सरकार दिशाहीन हो गई है और तानाशाही रवैया अपनाते हुए पुलिस विभाग ने सिर्फ इसलिए बखेड़ा खड़ा कर दिया कि मुख्यमंत्री को समोसा नहीं मिल पाया।

दरअसल, शिमला पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ़ चोरी, धोखाधड़ी, शरारत और सीआईडी डिपार्टमेंट से सूचनाएं और दस्तावेज चुराने की आपराधिक साजिश के मामले में एफआईआर की है। यह एफआईआर एसपी क्राइम (सीआईडी) की शिकायत पर दर्ज हुई है।

जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार समोसे पर जांच करके समय और संसाधन बर्बाद कर रही है। उन्होंने कहा कि सेक्शन 353(2) के तहत और झूठी सूचना या अफवाह फैलाने संबंधित जो मामला बनाया है, वह वास्तव में मीडिया पर पाबंदियां लगाने की कोशिश है।

उन्होंने कहा, ‘यह सीधे मीडिया की आजादी पर हमला है। एफ़आईआऱ करके सरकार मीडिया को संदेश देना चाहती है कि उसकी नाकामी पर जो कोई लिखेगा, उसे बख़्शा नहीं जाएगा।’

जयराम ठाकुर ने कहा कि एफआईआर में लिखा है कि संवेदनशील मामले बार-बार मीडिया को लीक होते हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि ऐसे कौन से मामले मीडिया को लीक हो गए हैं और उससे देश की संप्रभुत्ता और आंतरिक सुरक्षा को कितना खतरा पैदा हुआ है।

जयराम ठाकुर ने पूछा कि समोसों के मामले में कौन सी गोपनीयता थी जो भंग हो गई और इसमें ऐसा कौन सा जनहित है। बेहतर होगा कि मुख्यमंत्री तानाशाही रवैया छोड़ें और आम लोगों की समस्याएं सुलझाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अपराध बढ़ रहा है। पचास दिन में सोलह हत्याएं हुईं। चिट्टा और खनन माफिया बेखौफ है। लेकिन पुलिस अभी भी समोसे की जांच में उलझी हुई है।

समोसे में था ‘बैंडवैगन इफ़ेक्ट’ और साथ थी ‘रीसेंसी बायस’ की चटनी

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