चम्बा।। ‘जाको राखे साइयां, मार सके न कोय’। ये कहावत आपने कई बार सुनी होगी। लेकिन ये कहावत हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिला में साकार हुई है। जी हाँ, जंगल में सात दिन घायल अवस्था में बेसुध पड़े रहने के बाद भी व्यक्ति जीवित बच गया। घायल चम्बा मेडिकल कॉलेज में उपचाराधीन है। व्यक्ति की पहचान हंसराज निवासी गुआड़ी गांव, डाकघर तरेला के रूप में हुई है।
बताया जा रहा है कि बीते आठ जुलाई को हंसराज अपने घर आ रहे थे। पांगी से तीसा की तरफ आते हुए रानीकोट में वह जंगल की तरफ गए। लेकिन पांव फिसलने से बेहोश होकर गहरे नाले में गिर गए। जब हंसराज घर नहीं पहुंचे तो परिवार को चिंता होने लगी। परिजनों ने तलाश शुरू कर दी। रिश्तेदारों से भी पूछा। लेकिन हंसराज का कहीं पता नहीं चल पाया।
जब परिजनों को हंसराज को ढूंढने में असफलता हाथ लगी तो 13 जुलाई को उन्होंने पुलिस में हंसराज के लापता होने की शिकायत दर्ज करवाई। इसके बाद पुलिस भी हंसराज की तलाश जुट गई। 15 जुलाई को परिजन व अन्य ग्रामीण हंसराज को ढूंढते हुए रानीकोट के जंगल पहुंचे। वहां उन्होंने हंसराज को घायल अवस्था पाया।
हंसराज को टांग में गंभीर चोट की वजह से उपचार के लिए चंबा मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया है। डॉक्टरों ने उनकी टांग के ऑपरेशन की बात कही है। चिकित्सा अधीक्षक देवेंद्र ने बताया कि जंगल में घायल अवस्था में मिले व्यक्ति का उपचार मेडिकल कॉलेज में किया जा रहा है।