बिलासपुर।। बिलासपुर से संबंध रखने वाले वकील राजेंद्र हांडा की मौत को लेकर उनके परिजनों ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं। राजेंद्र के बेटे विपुल ने पत्रकारों से बात करते हुए आरोप लगाया है कि उनके पिता का मोबाइल फोन भी गायब है। अपने पिता की संदिग्ध हालात में मौत को लेकर उन्होंने सवाल उठाए हैं और शिमला के लक्कड़ बाजार थाने में एफआईआऱ दर्ज करवाई है। उनका कहना है कि उनके पिता का मोबाइल फोन आईजीएमसी के कोविड-19 वॉर्ड से बिस्तर से ही गायब कर दिया गया।
परिवार ने शव मिलने पर आंख के पास घाव होने को लेकर भी संदेह जाहिर किया है। बेटे विपुल का कहना है कि इस मामले में अस्पताल प्रशासन ने भी पारदर्शिता नहीं बरती है। विपुल बताते हैं कि उन्हें कोविड-19 सेंटर से एक नर्स ने रात को ही जानकारी दे दी थी कि उनके पिता की मौत हो गई है। उस समय वह पिता के लिए खाने का सामान लेकर पहुंचे थे।
मोबाइल कैसे गायब हुआ?
बकौल विपुल, इस बात के बारे में जानकर हैरान रह किए उनके पिता की मौत उसी दिन दोपहर दो बजे हो चुकी थी मगर उन्हें इसकी सूचना नहीं दी गई थी। उनका कहना है कि उनके पिता की आंख में हल्की चोट आई थी जो अस्पताल लाए जाते वक्त नहीं थी। अब विपुल का आरोप है कि उनके पिता के साथ कुछ ऐसा हुआ है, जो सामान्य नहीं है। उन्होंने शक जताया कि उनके पिता ने अपने मोबाइल में कुछ ऐसा रिकॉर्ड किया होगा, जिसके कारण उनका मोबाइल ही गायब कर दिया गया।
‘चार घंटों में क्या हुआ’
विपुल का कहना है कि उन्होंने सुबह ही अपने पिता से मोबाइल पर बात की थी और उनका कहना था कि तबीयत में सुधार है। ऐसे में विपुल सवाल उठाते हैं कि चार घंटों में ही उनका देहांत हो जाना सवाल उठाता है क्योंकि सीसीटीवी कैमरे की फुटेज भी अब उपलब्ध नहीं है।
विपुल का आरोप है कि उनके पिता की मौत कोविड सेंटर की खामियों और वहां तैनात कर्मचारियों की लापरवाही से हुई है, ऐसे में इस मामले की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब कोविड-19 सेंटर सो मोबाइल ही गायब हो जा रहा है तो इससे समझा जा सकता है कि वहां पर क्या आलम है। उन्होंने अंदेशा जताया कि किसी बड़ी बात से पर्दा हटने के डर से ही उनके पिता के मोबाइल को गायब किया गया है और उनकी मौत भी असामान्य है।
वहीं, राजेंद्र के बेटे शुभम ने इन हिमाचल को बताया कि वह इस मामले में इंसाफ चाहते हैं। इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन का पक्ष अभी सार्वजनिक नहीं हुआ है।