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कृषि मंत्री के विरोध के बीच पारित हुआ लैंड सीलिंग ऐक्ट में संशोधन, 30 एकड़ ज़मीन ट्रांसफर कर पाएंगी संस्थाएं

धर्मशाला।। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में लैंड सीलिंग ऐक्ट में संशोधन का विधेयक पारित हो गया है। यह संशोधन धार्मिक संस्था राधा स्वामी सत्संग ब्यास की वजह से किया गया है, जो भोटा में अपने अस्पताल को जीएसटी से राहत दिलाने के लिए अपनी ही एक दूसरी संस्था को ट्रांसफर करना चाह रही थी। संस्था का कहना था कि अगर ऐसा नहीं हो पाया तो उसे हमीरपुर के भोटा में अपना अस्पताल बंद करना पड़ेगा।

अब सरकार ने सेक्शन पांच में जो संशोधन किया है, उसके मुताबिक कोई भी कल्याणकारी, धार्मिक या आध्यात्मिक संस्था एक बार 30 एकड़ तक जमीन समान उद्देश्यों वाली संस्था को ट्रांसफर कर सकेगी। इसके लिए सरकार को इजाजत देनी होगी।  अगर बाद में इस जमीन का किसी भी और उद्देश्य के लिए इस्तेमाल हुआ तो जमीन या उस पर बना ढांचा सरकार अपने नियंत्रण में ले लेगी।

यह विधेयक ध्वनि मत से पारित हो गया। हालांकि, बीजेपी के विधायकों का कहना था कि इस मामले में जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए क्योंकि यह संवेदनशील धारा 118 के प्रावधानों को कमजोर कर सकता है और कई ऐसे रास्ते खुुल सकते हैं जिससे हिमाचल की जमीनों का दुरुपयोग हो सकता है।  बीजेपी विधायकों ने इसे विचार के लिए सिलेक्ट कमेटी को भेजने का प्रस्ताव रखा मगर सरकार ने इसे खारिज कर दिया।

कांग्रेस के विधायकों ने इसे पारित किया, जबकि बीजेपी विधायकों ने चुप्पी साधे रखी यानी मतदान में हिस्सा नहीं लिया। बाद में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बीजेपी को भी इसका समर्थन करना चाहिए था।

ऐसा नहीं है कि सत्ता पक्ष के सभी विधायक इस विधेयक के पक्ष में थे। कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए डर जताया कि इस संशोधन से कोई ऐसा द्वार न खुल जाए, जिससे हिमाचल की जमीनों पर संकट आ जाए।  वहीं, इस बिल को पेश करने वाले राजस्व मंत्री जगत नेगी ने कहा कि राधा स्वामी ही नहीं, बल्कि और कल्याणकारी, धार्मिक और आध्यात्मिक संस्थाएं भी 30 एकड़ तक जमीन एक बार ट्रांसफर कर पाएगी।

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