धर्मशाला।। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में हिमाचल प्रदेश पुलिस (संशोधन) विधेयक 2024 पारित हो गया है। इसके साथ ही किसी भी सरकारी कर्मचारी को गिरफ्तार करने से पहले सरकार की इजाजत लेना जरूरी बना दिया गया है।
इस कानून की धारा 65 में बदलाव करते हुए कहा गया है कि कोई भी पुलिस अधिकारी किसी सरकारी कर्मचारी को बतौर जन सेवक की जा रही ड्यूटी के दौरान किए गए किसी कार्य के लिए सरकार से इजाजत लिए बगैर गिरफ्तार नहीं करेगा।
इस विधेयक को बुधवार को सदन में पेश किया गया था। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि हिमाचल सरकार का इरादा भारतीय न्याय संहिता के अधिकार क्षेत्र में दखल का नहीं है। उन्होंने कहा कि विजिलेंस ब्यूरो और पुलिस पहले की ही तरह घूसखोरी जैसे मामलों में कार्रवाई करती रहेगी।
इससे पहले बीजेपी विधायक रणधीर शर्मा और त्रिलोक जम्वाल ने इस संशोधन को लेकर चिंताएं जताते हुए कहा था कि सरकार इसका दुरुपयोग कर सकती है। उन्होंने कहा कि ये उन लोगों को बचाने की कोशिश है, जो घूस लेते हैं। जम्वाल ने कहा कि ये भारतीय न्याय संहिता की धारा 35 में दखल का मामला है और सरकार को इस विधेयक को तुरंत वापस लेना चाहिए।
इसपर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विपक्ष बिना वजह ही इस विधेयक को लेकर आशंकाएं जता रहा है। उनका कहना था कि यह विधेयक इसलिए लाया गया ताकि मौजूदा सिस्टम में जो खामियां हैं, उन्हें दूर किया जा सके।