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जानें, विपक्ष की आपत्तियों के बीच पारित हुए नए धर्मांतरण रोधी विधेयक में क्या है

शिमला।। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मॉनसून सत्र के आखिरी दिन धर्मांतरण रोधी कानून को और सख्त बनाने के लिए एक विधेयक पारित किया गया। इसे देश का सबसे सख्त धर्मांतरण रोधी विधेयक बताया जा रहा है जिसमें जबरन या फिर लालच देकर धर्म परिवर्तन करवाने पर सख्त सजा का प्रावधान है।

जयराम सरकार द्वारा लाए गए इस नए विधेयक में धोखाधड़ी, बल, गलत ढंग से प्रभावित करके, जबरदस्ती, लालच देकर, शादी के लिए या फिर अन्य किसी गलत मंशा से धर्म परिवर्तन करने पर रोक लगाई गई है। इसमें मास कन्वर्जन यानी सामूहिक धर्मांतरण का भी जिक्र किया गया है।

विधेयक में यह प्रावधान भी किया गया है कि धर्मांतरण करने वाले व्यक्ति को उसके मूल धर्म में यदि कोई विशेष सरकारी लाभ मिलते थे तो वो नहीं मिलेंगे। उसे धर्मांतरण करते वक्त इस संबंध में हलफनामा देना होगा।

नए विधेयक में कुछ नए प्रावधान जोड़े गए हैं और पुराने प्रावधानों को और सख्त किया गया है। इसमें इस तरह के मामलों की जांच सब इंस्पेक्टर से नीचे के रैंक वाला अधिकारी नहीं कर पाएगा। साथ ही, सजा को भी पांच वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष कर दिया गया है। इस कानून में गैर-जमानती धाराओं का भी प्रावधान किया गया है।

विपक्ष की आपत्तियां
हिमाचल प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक, 2022 पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायकों और सीपीएम विधायक की ओर से कुछ आपत्तियां जताई गईं। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि धर्म परिवर्तन करने पर अनुसूचित जाति के व्यक्ति को मिलने वाले लाभ छीनना संविधान का उल्लंघन है। उन्होंने इस विधेयक को सिलेक्ट कमेटी के पास भेजने के लिए कहा।

वहीं किन्नौर से कांग्रेस विधायक जगत नेगी ने इस विधेयक की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि 3 प्रतिशत आबादी से डरकर 97 प्रतिशत लोग इस तरह का सख्त कानून ला रहे हैं। उन्होंने धर्मांतरण पर 10 साल की सजा देने को भी 3 प्रतिशत आबादी को दबाने का प्रयास बताया।

वहीं सीपीएम विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि यह विधेयक शहीदों का अपमान है और संविधान की भावना के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा कि वह इसका विरोध करेंगे और इस विषय को जनता के बीच ले जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पहले के कानून को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है और वह मामला विचाराधीन है।

इस पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कानून बनाना विधानसभा का अधिकार है और हाई कोर्ट का सम्मान करते हुए हम अपने अधिकार का निर्वहन कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि धर्मांतरण बड़ी समस्या बनकर उभरा है और गलत ढंग से करवाए जा रहे धर्म परिवर्तन के कारण कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल में पिछड़े और गरीब वर्ग के लोगों को कुछ लोग गुमराह कर रहे हैं और उनका शोषण कर रहे हैं। इस पर रोक लगाने के लिए सख्त कानून आवश्यक है।

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