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मंत्री की तस्वीर लगे हैंडवॉश और सैनिटाइजर बाँटने पर विवाद

बोतलों में लगाई गई तस्वीरें

शिमला।। कोरोना संकट के बीच जनशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर और उनकी बेटी की तस्वीरों वाले हैंडवॉश बाँटे जाने के मामले पर विवाद खड़ा हो गया है। इस हैंडवॉश, सैनिटाइजर में मैन्युफैक्चरिंग डेट, किन चीजों से बना है और एलर्जी तो नहीं हो सकती है, ऐसी कोई जानकारियाँ नहीं छापी गई हैं। ऐसे में इन चीजों का आवंटन पूरे इलाक़े में चर्चा का विषय बन गया है।

इस मामले को लेकर धर्मपुर न्याय मंच ने सवाल उठाते हुए इसे ‘मुश्किल दौर में राजनीतिक रोटियाँ सेंकने की कोशिश’ करार दिया है। मंच के मुख्य सलाहकार और ज़िला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह की ओर से जारी बयान के मुताबिक़, “धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में आज़कल मन्त्री महेंद्र सिंह और उनकी बेटी के नाम व फ़ोटो के लेबल लगे हैंडवॉश और सैनिटाइजर भाजपा बूथ कमेटियों के माध्यम से गांवों में बांटे जा रहे हैं, जबकि मुख्यमंत्री जयराम का फोटो गायब है जिनके मौन रहने से यह परिवार फलफूल रहा है।”

मंच की ओर से सवाल उठाया है कि अगर सरकार व मन्त्री कोरोना के वचाव के लिए कोई सामग्री वितरित करना चाहते हैं तो उन्हें पंचायत के जनप्रतिनिधियों या सभी गांवों में सरकार के दिशा निर्देश से बनी सर्व कमेटियों से ये सामग्री वितरित करवानी चाहिए न कि पार्टी कमेटियों के माध्यम से।

क्या है सैनिटाइज़र्स और हैंडवॉश में?
मंच के मुताबिक़, “आपत्तिजनक बात ये है कि इन दोनों चीज़ों पर मन्त्री और उनकी बेटी का ही फ़ोटो छपा है। इन सैनेटाइनर में कोई पता नहीं कि क्या डाला गया है, निर्माण करने की तारीख क्या है, कहीं इससे किसी को गंभीर एलर्जी तो नहीं होगी, यह भी नहीं मालूम। मापदंडों को लेकर कई सवाल हैं जिनपर प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। अगर कोई जनप्रतिनिधि या समाजसेवी किसी गरीब को अनाज देता है और फोटो खिंचवा लेता है तो यह सरकार एफआईआर करने की धमकी देती है।”

ज़िला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही दो साल पहले मंत्री की बेटी वंदना गुलेरिया ने आदर्शनी नाम से एनजीओ बनाया था जिसमें बीजेपी से जुड़े और सदस्य भी हैं। उन्होंने आरोप लगाया, “इस संस्था के माध्यम से विभिन्न गतिविधियों के नाम से कैंप लगाए जाते हैं जिनमें सरकारी विभागों को जबरन शामिल किया जाता है। इस संस्था ने सफेद रंग की टोपी के बीच कमल निशान चिपकाकर इसका राजनीतीकरण कर दिया है।इस संस्था को आज तक कितना सरकारी पैसा लुटाया गया इसकी भी जांच होनी चाहिए।”

न्याय मंच ने इस सबको सत्ता का दुरुपयोग बताया और कहा, “देश व्यापी लॉकडॉउन में गत सप्ताह मन्त्री के बेटे ने नियमों के विपरीत अस्पतालों में जाकर सभी कर्मचारियों को इकठ्ठा करके फ़ोटो खिंचवाए औऱ अब उनकी बेटी अपने व अपने पिता व मन्त्री के फ़ोटो हैंड वाश और सेनिटाइजरों की बोतलों पर छाप कर धाड़ता क्षेत्र में बांटना शुरू कर दिया है।”

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