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वन मंत्री के स्टाफ़-समर्थकों को कम पड़ा खाना, सस्पेंड किए वन कर्मचारी

मंडी।। हिमाचल प्रदेश में कोरोना काल के दौरान भी सक्रिय नजर आ रहे मंत्री-विधायक नए-नए विवादों में फंस रहे हैं। अब वन विभाग ने एक बीओ और वनरक्षक को निलंबित कर दिया है। बताया जा रहा है कि इसकी वजह यह थी कि पिछले दिनों जब वन मंत्री ने नाचन और सिराज का दौरा किया था, तब उनके स्टाफ और समर्थकों की आवभगत में ‘कमी’ रह गई थी। बीओ और वन रक्षक को निलंबित करने के अलावा वन परिक्षेत्र अधिकारी को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी कर स्पष्टीकरण मांगे जाने की भी खबर है।

बताया जा रहा है कि ‘संबंधित कर्मचारियों की लापरवाही’ के चलते चैलचौक विश्राम गृह में वन मंत्री, उनके स्टाफ और समर्थकों के लिए खाना कम पड़ गया था। अमर उजाला के मुताबिक, ऐसे में कुछ भाजपा नेताओं ने वन विभाग के आला अधिकारियों से इसकी शिकायत की थी और अब यह कार्रवाई हुई है।

उधर, वन विभाग के अधिकारी इसे मामूली कार्रवाई कहकर निलंबित कर्मचारियों के दोबारा जल्द ड्यूटी ज्वाइन करने की बात कह रहे हैं। इससे ऐसा लग रहा है कि उनके ऊपर भी इस कार्रवाई को लेकर दबाव रहा होगा। रिपोर्ट के अनुसार, वन अरण्यपाल मंडी एसके मुसाफिर ने बीओ बासा और वन रक्षक चैलचौक के निलंबन की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि वन परिक्षेत्र अधिकारी को नोटिस जारी किया गया है।

क्या है मामला
वन मंत्री राकेश पठानिया चार और पांच सितंबर को नाचन और सिराज दौरे पर आए थे और चैलचौक वन विश्राम गृह में ठहरे थे। अखबार की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नाचन भाजपा ने वन विभाग को मंत्री और उनके स्टाफ समेत अन्य अतिथियों की खातिरदारी का जिम्मा सौंपा था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि नाचन भाजपा ने वन विभाग नाचन को 30 लोगों के खाने की व्यवस्था का जिम्मा सौंपा था लेकिन मंत्री के तलबगारों की वन विश्राम गृह चैलचौक में लाइन लग गई। इस बीच खाने वालों की संख्या करीब 150 पहुंच गई। इस बीच आनन-फानन में वन विभाग को काफी कसरत करनी पड़ी। कुछ लोग बिना खाए ही चले गए।

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