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राकेश पठानिया ने कहा- नूरपुर को जिला बनाऊंगा, फिर चुनाव लड़ने आऊंगा

कांगड़ा। हिमाचल के एक छोटा राज्य है। सरकार अकसर अपने कम संसाधनों की दुहाई देती है। हिमाचल पर करीब 60 हजार करोड़ रुपए का कर्ज पहले ही चढ़ चुका है। अब जयराम सरकार में वन और खेल मंत्री राकेश पठानिया ने एक बार फिर नए जिले बनाने का राग छेड़ दिया है। जी हां, नूरपुर में एक कार्यक्रम में फिर से वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि वो नूरपुर को जिला बनाकर रहेंगे। यही नहीं, साथ ही उन्होंने यह भी कह दिया कि नूरपुर को जिला बनाने के बाद ही चुनाव लड़ने आउंगा।

बकौल राकेश पठानिया, मैंने फिन्ना सिंह नहर वादा किया था मैंने पूरा किया, मैं आपको नूरपुर जिला बनाकर भी दिखाउंगा उसके बाद अगला चुनाव लड़ने आउंगा। एडिशनल एसपी का दफ्तर हमने खोल दिया, ट्रांसपोर्ट, एक्साइज और रेवेन्यू का जिला नूरपुर बन चुका हैं। हम अगली लड़ाई लड़ रहे हैं। आपको बता दें कि इससे पहले वन मंत्री राकेश पठानिया नूरपुर का नाम बदलने की बात भी कई बार कह चुके हैं।

कहां-कहां उठती रही है जिला बनाने की मांग

आपको बता देंं कि हिमाचल में पालमपुर को जिला बनाने की मांग लंबे समय से चली आ रही है। इसके अलावा मंडी जिला के सरकाघाट को भी जिला बनाने की मांग उठती है। इसके अलावा मंडी जिला के ही करसोग को भी जिला बनाने की मांग गाहे बगाहे उठती रहती है।

क्या है सीएम जयराम ठाकुर का स्टैंड

अब बात करते हैं सरकार के मुखिया जयराम ठाकुर की। जयराम ठाकुर से हाल ही में पालमपुर को जिला बनाने का सवाल किया गया था तो उन्होंने कहा था कि छोटे से राज्य में और जिला बनाने की जरूरत नहीं है। इससे वित्तीय बोझ ही बढ़ता है। ऐसे में साफ है कि हिमाचल में और नए जिला बनाना प्रासंगिक नहीं है, लेकिन फिर भी नेता जनता को सब्जबाग दिखाते रहते हैं।

फायदा नहीं, वित्तीय बोझ बनते हैं जिला

जैसे की हम ऊपर भी बात कर चुके हैं कि हिमाचल छोटा राज्य है और इसके अपने संसाधन भी कम हैं। ऐसे में यहां नए जिला की बात करना बेमानी सा लगता है, क्योंकि नए जिला बनने से वहां के डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन के लिए आपको वित्तीय खर्च भी बढ़ाने पड़ेंगे। हां यह बात दीगर है कि जिल जिलों में के दूर के एरिया हैं वहां सुविधाएं बढ़ाई जाए ताकि लोगों को अपने काम के लिए डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर के चक्कर ना काटने पड़ें।

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