अमित पुरी, धर्मशाला।। वर्तमान में प्रदेश में नशा सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। बच्चे व युवा इसके मकडज़ाल में फंसते जा रहे हैं। बच्चे व युवा नशे का सेवन कर रहे हैं इसकी जांच के लिए ब्लड या अन्य टेस्ट के सवाल पर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि एक्शन के लिए यह अच्छा सुझाव है। इस पर चर्चा करके कोशिश करेंगे कि स्कूलों में जो मेडिकल चेकअप होते हैं, उसमें इस तरह का प्रयास किया जा सके।
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि वर्तमान में नशे को पकडना और उसे रोकना प्रदेश पुलिस की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश नशे की दृष्टि से नटोरियस स्टेट के रूप में उभरने लगा है, इसको कंटेन करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि सीएम जयराम ठाकुर ने सत्ता संभालने के बाद उत्तरी भारत के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई तथा दो बैठकें चंडीगढ़ और उत्तराखंड में हो चुकी हैं। नशे के खिलाफ ज्वाइंट आपरेशंस भी विभिन्न राज्यों की पुलिस फोर्स द्वारा चलाए जा रहे हैं। प्रदेश पुलिस को कैमिकल नशे को पकडऩे में सफलता मिल रही है।
शिक्षा मंत्री ने कहा, “नशा एक सामाजिक बीमारी है, यदि हम समझते हैं कि इसे पुलिस के माध्यम से पकड़ लेंगे, ऐसा संभव नहीं होता। इसके लिए हमारे समाज को, माता-पिता, शिक्षकों, चुने हुए प्रतिनिधियों पंचायत प्रधान से लेकर सांसद तक को जोरदार अभियान चलाने की जरूरत है। नशे पर हमने शिक्षा के क्षेत्र में चेप्टर शुरू किया है, इसके अतिरिक्त सभी स्कूलों में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। माता-पिता को स्कूलों में बुलाकर पीटीए के माध्यम से जागरूकता फैलाई जा रही है।”