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मंत्री ने स्कूल में कर दिया कम्युनिटी सेंटर का शिलान्यास, जांच के आदेश जारी

सरकाघाट।। धर्मपुर शिक्षा खंड प्रथम के अंतर्गत आने वाले केंद्रीय प्राथमिक विद्यालय चोलथरा के स्थान पर सामुदायिक भवन बनाने के लिए बिना शिक्षा विभाग की अनुमति के गत 15 दिसम्बर को किया गया शिलान्यास विवादों में घिर गया है। इस शिलान्यास बारे ज़िला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने 28 दिसंबर को उपायुक्त मंडी को शिकायत भेजी थी।जिस पर उपयुक्त मंडी द्धारा एस डी एम धर्मपुर को जांच अधिकारी लगाया है और तीस दिनों में रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं।

ज़िला पार्षद ने बताया कि केंद्रीय प्राथमिक स्कूल को वहां से शिफ्ट करने बारे ग्राम पंचायत ने 9 सितंबर को जो प्रस्ताव पारित किया था में बहुत ही गैर जिम्मेदाराना औऱ असवैधानिक भाषा प्रयोग की गई है। जिसमें लिखा गया है कि इस स्कूल में केवल प्रवासी बच्चे ही पढ़ रहे हैं इसलिए इसे बन्द करके यहां से अन्यत्र शिफ्ट कर दिया जाए ताकि ग्राम पँचायत यहां पर सामुदायिक भवन का निर्माण करवा सके औऱ बिना विभागीय अनापत्ति प्रमाण पत्र लिये और शिक्षा विभाग को सूचना दिए बगैर 15 दिसंबर को रविवार के दिन स्कूल परिसर में सामुदायिक भवन का शिलान्यास आई पी एच मन्त्री महेंद्र सिंह ने कर दिया था।

भूपेंद्र सिंह ने बताया कि जिस व्यक्ति ने ज़मीन शिक्षा विभाग को दान की थी उसने यहाँ स्कूल निर्माण के लिए ही ज़मीन दी थी लेकिन उसे भी इस बारे अवगत नहीँ कराया गया और न ही पूछा गया है और शिक्षा विभाग से इसकी एन ओ सी लिए बगैर ग्रामीण विकास और पंचयाती राज विभाग ने वहाँ पर मन्त्री से शिलान्यास करवा दिया औऱ बोर्ड लगवा दिया था।

हालांकि स्कूल की मुख्याध्यापिका ने 16 दिसंबर को ही खंड शिक्षा अधिकारी धर्मपुर प्रथम स्थित सजाओपीपलु को पत्र लिखकर सूचित कर दिया था कि रविवार के दिन स्कूल प्रांगण में जो उदघाटन बोर्ड लगाया गया है उसकी उन्हें भी कोई सूचना और जानकारी नहीं है। सोमवार को स्कूल आने पर वहां लगे बोर्ड को देखने पर ही उन्हें इस बारे पता चला। ज़िला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने इस बारे उपयुक्त मंडी से इस सारे प्रकरण बारे दर्ज कराई गई शिकायत पर उपायुक्त मंडी ने एस डी एम धर्मपुर को जांच करने के आदेश जारी कर दिये हैं और 30 दिनों में मौके पर जाकर जाँच रिपोर्ट भेजने के लिए कहा है।

ज़िला पार्षद भूपेन्द्र सिंह ने इस बारे कहा है कि पचास साल पुराने इस स्कूल को यहाँ से बदलना सही नहीं है और पँचायत प्रधान व कुछ सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के कहने पर मन्त्री द्धारा बिना विभागीय एन ओ सी के किया गया उदघाटन गैर कानूनी है और मन्त्री भी इस स्कूल को बंद करवाने के पक्षधर लगते हैं जो बहुत ही निंदनीय है। इसलिये स्कूल को वहाँ से न बदलने के लिए और लोगों और संगठनों ने भी मांग की है। इसलिये जनता की मांग को ध्यान में रखते हुए स्कूल बंद नहीँ होना चाहिए।

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