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पेड़ों के अवैध कटान पर 34 लाख भरें वन विभाग के अधिकारी: हाई कोर्ट

शिमला।। शिमला की कोटी फॉरेस्ट रेंज कोटी में 416 पेड़ों को अवैध ढंग से काटने पर हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने वन विभाग के अधिकारियों से 34 लाख 68 हजार 233 रुपये की वसूली करने का आदेश दिया है। साथ ही इनके सर्विस रिकॉर्ड में एंट्री करने के लिए कहा गया है। प्रधान वन सचिव को दिए आदेशों में कहा गया है कि यह रकम दो वन अरण्यपालों, दो मंडल वन अधिकारियों, तीन सहायक वन अरण्यपालों, दो रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर्स, छह ब्लॉक ऑफिसर्स और एक गार्ड से वसूली जाए।

जिस दौरान कोटी रेंज में 416 पेड़ों का अवैध कटान हुआ था, उस दौरान ये सभी कर्मचारी भलावाग बीट, कोटी फारेस्ट ब्लॉक, कोटी फारेस्ट रेंज, शिमला फारेस्ट डिवीजन और शिमला फॉरेस्ट सर्किल में तैनात थे। यह कटान साल 2015 से 2018 के बीच हुआ था।

मुख्य न्यायाधीश एल नारायण स्वामी और न्यायमूर्ति अनूप चिटकारा की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करने के बाद यह आदेश पारित किए। हालांकि, कोर्ट ने इन अधिकारियों को 27 मई को अदालत में उपस्थित होने का अवसर देते हुए कहा कि ये कर्मी यह रकम या फिर उनके सर्विस रिकॉर्ड में उनके काम में हुई चूक का एंट्री होने से पहले कोर्ट में अपना पक्ष रख सकते हैं।

अदालत ने सभी पक्षकारों की दलीलों के सुनने के बाद कहा कि राज्य सरकार ने इस मामले में बेशक काटे पेड़ों की लकड़ी की लागत वसूली होगी लेकिन पेड़ों के मूल्य का मूल्यांकन नहीं किया जा सकता है। पेड़ न केवल ऑक्सीजन उत्पादक हैं बल्कि डी कार्बोनाइजर भी हैं। कोर्ट ने कहा कि जो अधिकारी 100 साल की उम्र के पेड़ों के इस नुकसान के लिए जिम्मेदार हैं उन्हें दंडित करना होगा। पेड़ों की इस तरह की अवैध कटाई की भरपाई किसी भी तरीके से नहीं की जा सकती है।

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