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हिमाचल में बनी खांसी से लेकर हार्ट फेलियर तक की इन 16 दवाओं के सैंपल फेल,

शिमला।। हिमाचल में बनी 16 दवाओं के कई बैच ज़रूरी मानकों पर खरे नहीं पाए गए हैं। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेश (CDSCO) की ओर से हर महीने जारी की जाने वाली सूची में यह जानकारी दी गई है।

जो दवाएं घटिया पाई गई हैं, उनमें से कई ब्लड क्लॉट यानी खून के थक्के जमने से रोकने, ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने और अर्थराइटिस में राहत देने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं।

इनमें से कुछ पेट में बैक्टीरिया से संक्रमण होने, दर्द, सूजन, एलर्जी, एसिटडिटी, सिर दर्द, ब्रॉन्काइटिस, हार्ट फेलियर, बदहज़मी, उल्टी, पेट में अल्सर, खांसी और फंगल इन्फेक्शन के इलाज के लिए इस्तेमाल होती हैं।

राज्य के कार्यकारी ड्रग्स कंट्रोलर मनीष कपूर ने द ट्रिब्यून अखबार से कहा कि जिन दवाओं का नाम आया है, उन्हें तुरंत मार्केट से हटा दिया जाएगा और फील्ड स्टाफ जांच करेगा कि कमी कहां रह गई।

इनमें काला अंब की कंपनी डिजिटल विज़न की ओर से बनाई जाने वाली दवा अलर्नो (Alerno Tab) भी शामिल है। इसकी जानकारी देते हुए द ट्रिब्यून ने लिखा है कि ये वही कंपनी है जिसके बनाए कफ़ सिरप पर साल 2020 में जम्मू और कश्मीर के उधमपुर में कई बच्चों की जान लेने के आरोप लगे थे। उसकी अलर्नो नाम की एलर्जी का इलाज करने वाली दवा को सबस्टैंडर्ड बताया गया है।

CDSCO कफ़ सिरप की क्वॉलिटी को लेकर ज्यादा सजग था. ऐसे में Abrodoll-S और L Melt नाम के कफ सिरप सबस्टैंडर्ड पाए गए हैं यानी वे मानकों के अनुरूप नहीं थे। इन्हें परवाणु के पास टकसाल नाम की कंपनी बनाती है। इन दोनों में वे अहम सामग्रियां कम थीं, जिनसे दवा असरदार बनती है।

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