शिमला।। हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने अपने सरकारी हेलिकॉप्टर को पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह को चंडीगढ़ से शिमला लाने के लिए भेजा। स्वास्थ्य खराब होने के कारण वीरभद्र को इलाज के लिए पीजीआई चंडीगढ़ जाना पड़ा था। पिता के लिए सरकारी हेलिकॉप्टर का इंतजाम करने के लिए विक्रमादित्य सिंह ने किया ‘हेलिकॉप्टर वाले सीएम’ का धन्यवाद। कुछ दिन पहले सरकारी वाहनों के दुरुपयोग के विरोध में मुखर थे शिमला ग्रामीण के विधायक। मुख्यमंत्री जयराम को ‘हेलिकॉप्टर वाला मुख्यमंत्री’ कहा था।
जयराम ठाकुर के इस फैसले को जहां कुछ लोग राजनीति से ऊपर उठकर एक मिसाल बता रहे हैं, वहीं कुछ लोग यह सवाल भी उठा रहे हैं कि जनता के पैसे से चल रहे ऐसा करने की क्या जरूरत है। अभी हेलिकॉप्टर का किराया प्रति घण्टा लगभग 3 लाख 30 हजार रुपये है। हेलिकॉप्टर के इस्तेमाल के लिए सीएम और राज्यपाल ही अधिकृत हैं।
दरअसल सीएम को इसलिए हेलिकॉप्टर इस्तेमाल करने का अधिकार है ताकि उनका अधिकतर समय सफर में ही खर्च न हो जाए और वे समय की बचत करके उसका सदुपयोग सरकारी कामकाज निपटाने में कर सकें। चूंकि सीएम के साथ अधिकारियों और कर्मचारियों को चलना पड़ता है, ऐसे में पूरा लव लश्कर बहुत बड़ा हो जाता है। इसलिए भी हेलिकॉप्टर का प्रयोग सस्ता भी पड़ता है और मूवमेंट से यातायात प्रभावित होने से जनता को दिक्कत भी नहीं होती।
यानी हेलिकॉप्टर सीएम के कम्फर्ट के लिए नहीं बल्कि जनता की सुविधा के लिए होता है। मगर सवाल उठ रहे हैं कि इसे आपतसेवा के लिए इस्तेमाल करना तो ठीक है मगर पूर्व सीएम को लाने-ले जाने में इसका प्रयोग क्यों किया जा रहा है।
शिमला और चंडीगढ़ में अधिक दूरी नहीं है और बाकी मरीज और अन्य बुजुर्ग भी तो सड़क मार्ग से ही आते जाते हैं। इसके अलावा आर्थिक रूप से वीरभद्र परिवार खुद इतना सशक्त है और उन्हें वेतन और भत्ते भी मिलते हैं तो वे जरूरत पड़ने पर खुद भी प्राइवेट चॉपर हायर कर सकते हैं।
इस बीच सवाल शिमला रूरल के विधायक विक्रमादित्य की चुप्पी पर भी उठ रहे थे कि इसका उन्होंने फेसबुक पेज पर पोस्ट डालकर विरोध क्यों नहीं किया। दरअसल हाल ही में विक्रमादित्य ने सरकार और अधिकारियों द्वारा सरकारी वाहनों के दुरुपयोग का मुद्दा उठाया था और साथ ही जयराम ठाकुर को हेलीकॉप्टर वाला सीएम कहा था। अब उन्होंने पोस्ट डालकर सीएम को शुक्रिया कहा है।
सोशल मीडिया पर सवाल किए जा रहे हैं कि जिन सीएम को आपने हेलिकॉप्टर वाला सीएम कहा था, जब उन्हीं सीएम ने अपना सरकारी हेलिकॉप्टर उनके पिता को लाने के लिए भेज, तब क्यों विक्रमादित्य खामोश रहे और अब क्यों स्वागत कर रहे हैं। सवाल पूछा जा रहा है कि क्यों अब उन्हें सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग नजर नहीं आ रहा।