Site icon In Himachal | इन हिमाचल |

दबंग विधायक की पत्नी के ट्रक पर ऐक्शन लेने वाले ईमानदार पुलिस अफसर का तबादला

सोलन।। आपके सोलन जिले की दून विधानसभा के कांग्रेस विधायक राम कुमार चौधरी याद हैं? पंचकुला के बहुचर्चित ज्योति हत्याकांड में राम कुमार ने कथित तौर पर पुलिस के सामने हत्या की बात कबूली थी। वह जेल में भी रहे मगर सितंबर 2014 में कोर्ट ने 12 आरोपियों समेत उन्हें सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए कहा था कि विधायक और अन्य पर लगे आरोपों को पुलिस साबित नहीं कर पाई, इसलिए उन्हें बरी किया जाता है। उस मामले में क्या हुआ, क्या नहीं; इसे लेकर कई बातें कही जाती हैं। अब कोर्ट का आदेश आने के बाद अब टिप्पणी तो नहीं की जा सकती, मगर वही विधायक एक बार फिर चर्चा में हैं।

राम कुमार चौधरी।

यह बात छिपी नहीं है कि प्रदेश के इंडस्ट्रियल एरिया बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ में लंबे समय से अवैध खनन चल रहा है और इसे राजनेताओं की शह मिली हुई है। सोमवार देर रात पुलिस ने एक बैरियर पर एक टिप्पर को रोका। उसमें खनन सामग्री थी। जब इसके कागजात मांगे गए थे तो ट्रक वह नहीं दे पाया। इस पर ऐक्शन लेते हुए पुलिस ने नियमानुसार 40 हजार रुपये का चालान काटा और परिवहन विभाग ने ओवरलोडिंग के लिए 21,020 रुपये अलग से फाइन किया।

यह ऐसी कार्रवाई थी, जिसके लिए पुलिस की तारीफ होनी चाहिए थी, क्योंकि यह वाकई अच्छा काम था। मगर इस घटना के तीन दिन के अंदर ही एएसपी गौरव सिंह का तबादला कर दिया। इसलिए, क्योंकि जिस ट्रक का चालान किया गया, वह दून के विधायक राम कुमार की पत्नी कुलदीप कौर का था।

एएसपी गौरव सिंह।

 

File Photo

युवा और तेज-तर्रार एएसपी गौरव सिंह ने खनन माफिया की नाक में दम कर दिया है। पिछले 6 महीनों से अवैध खनन करके प्रदेश को नुकसान पहुंचा रहे कारोबारियों पर उन्होंने नकेल कसी है। अब तक इस तरह के 170 मामले सामने आ चुके हैं और 25 लाख रुपये का जुर्माना वसूला जा चुका है। इसके बावजूद उनके ट्रांसफर के लिए विधायक राम कुमार ने 3 डीओ भेजे हैं। भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक जब तीन डीओ भेजने के बावजूद एएसपी गौरव सिंह का तबादला नहीं हुआ तो वह मुख्यमंत्री से मिले और बताया कि गौरव सिंह सिर्फ कांग्रेसियों पर कार्रवाई कर रहे हैं, कंस्ट्रक्शन साइट्स पर जाकर भी कार्रवाई कर रहे हैं और इससे मेरे इलाके में विकास कार्य रुक गए हैं।

अब इसके बाद प्रधान गृह सचिवकी तरफ से जारी ऑर्डर में गौरव सिंह को अब एसडीपीओ बद्दी से ट्रांसफर करके एएसपी धर्मशाला बना दिया गया है। सोशल मीडिया पर इस फैसले की आलोचना हो रही है। लोगों में इस बात को लेकर गुस्सा है। मुख्यमंत्री भी इस मामले में बैकफुट पर नजर आ रहे हैं, क्योंकि राम कुमार चौधरी से उनकी मुलाकात के बाद ही यह तबादला हुआ है। संभव है कि विधानसभा में भी यह मामला गूंजे, मगर सोशल मीडिया पर सरकार के प्रति लोगों की नाराजगी साफ देखी जा रही है।

डीएसएपी महेंद्र सिंह मिन्हास का भी हुआ था ट्रांसफर
यह इस तरह का पहला मामला नहीं है। नूरपुर के एमएलए अजय महाजन की सिफािरश पर वहां के डीएसपी महेंद्र सिंह मिन्हास का तबादला सेकंड बटालियन सकोह कर दिया गया था। अभी तो प्रदेश ट्रिब्यूनल ने इसपर स्टे लगाकर रिपोर्ट मांगी है, मगर उन्हें वहां से रिलीव कर दिया गया है। मिन्हास ने खनन और ड्रग्स माफिया की रीढ़ तोड़ दी थी। डीएसपी महेंद्र सिंह मिन्हास का तबादला करीब 11 महीने पहले नूरपुर हुअा था।

पंजाब से लगे नूरपुर क्षेत्र में एनडीपीएस और खनन का धंधा चरम पर है। भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक महेंद्र सिंह ने 11 महीने के छोटे से कार्यकाल में एनडीपीएस के 100 केस बनाए। एसडीपीओ रहते हुए महेंद्र ने 125 चरस तस्करों को गिरफ्तार किया। 20.27 लाख रुपए की ड्रग्स पकड़ी। कुछ माह पूर्व उन्होंने 3200 नशे के कैप्सूल पकड़े थे। डीएसपी महेंद्र सिंह ने 400 के करीब माइनिंग के केस पकड़े। इससे सरकार को लाखों का राजस्व मिला। चरस और खनन माफिया के खिलाफ की गई डीएसपी महेंद्र सिंह मिन्हास की कार्रवाई से वहां का चरस और खनन माफिया की कमर टूट चुकी थी। उसके बाद खनन और चरस माफिया ने उन्हें हटाने के लिए पहले कई शिकायतें करवाई और बाद में उनका तबादल ही करवा दिया।

Exit mobile version