हमीरपुर। एक दौर था जब इंजीनियरिंग में दाखिले के लिए मारामारी रहती थी, लेकिन समय के साथ शायद अब युवाओं और उनके माता-पिता की पसंद इंजीनियरिंग नहीं रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय से संबद्ध 34 से ज्यादा महाविद्यालयों में 1500 से ज्यादा सीटें खाली रह गई हैं। इनमें से 1200 सीटें सिर्फ बीटेक की हैं।
बीटेक के अलावा एमबीए की 200, बीएससी और होटल मैनेजमेंट की भी 125 से ज्यादा सीटों पर किसी छात्र ने दाखिला नहीं लिया है। सीटों को भरने के लिए कई काउंसलिंग शेड्यूल जारी किए गए थे। इसके बावजूद 1500 से ज्यादा सीटें खाली रह गईं। खाली सीटों को भरने के लिए तकनीकी विश्वविद्याल की ओर से 30 नवंबर को स्पॉट राउंड भी करवाया गया था। इसके बावजूद छात्रों ने दाखिले में दिलचस्पी नहीं दिखाई।
निजी कॉलेज संचालक परेशान
तकनीकी विश्वविद्यालय से संबद्ध कई ऐसे निजी कॉलेज भी हैं जहां सीटें खाली रह गई हैं। निजी कॉलेज संचालकों ने बैंकों से कर्जा बड़े-बड़े भवन तैयार किए और फैकल्टी हायर की है। अब इनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो रहा है। यहां यह भी बता दें कि पिछले पांच साल में आधा दर्जन महाविद्यालय इसी वजह से बंद भी हो चुके हैं।
इस साल ही हिमाचल के दो निजी कॉलेजों के प्रबंधकों ने अपने कॉलेज बंद करने के लिए तकनीकी विवि में आवेदन किया था। इससे पहले भी प्रदेश के तीन इंजीनियरिंग कॉलेज बंद हो चुके हैं। इस साल ही मंडी जिले के सिरडा कॉलेज और बिलासपुर जिले के चांदपुर का शिवा कॉलेज प्रबंधकों ने कॉलेज बंद करने के लिए आवेदन किया था। तकनीकी विश्वविद्याल हमीरपुर के रजिस्ट्रार अनुपम ठाकुर का कहना है कि कई महाविद्यालयों में सीटें नहीं भर पाई हैं। इस मामले को सरकार के समक्ष उठाया जाएगा, ताकि खाली सीटों को किसी दूसरे तरीके से भरा जा सके।