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लेक्चरर भर्ती की टॉपर को इंटरव्यू में कम अंक मिलने से नहीं मिली जॉब

एमबीएम न्यूज नेटवर्क, शिमला।। यह खबर हैरान करने वाली भी है और हिमाचल प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवाओं का मनोबल तोड़ने वाली भी। साथ ही प्रदेश में चल रही भर्तियों पर भी सवाल खड़े होते हैं। सुन्नी की रहने वाली होनहार बेटी योगिता ने अंग्रेजी विषय के स्कूल लेक्चरर की लिखित परीक्षा में 100 में से 73 अंक हासिल किए। वह 2800 आवेदकों में टॉपर बन गई। मगर इसके आगे जो हुआ, वह योगिता के लिए दुख भरा है।

 

पीजीटी पद की चयन प्रक्रिया में 7 जुलाई को टॉपर बनने वाली योगिता को अयोग्य करार दे दिया जाता है। चंद रोज पहले आयोग की वेबसाइट पर योगिता को पता चला कि लिखित परीक्षा में वो टॉपर थी। मगर इंटरव्यू में उसे मात्र 45 अंक मिले। लिखित परीक्षा व साक्षात्कार के बाद प्रक्रिया में योगिता की रैंकिंग 83वें स्थान पर चली गई। इस प्रक्रिया में पीजीटी के 47 पद भरे जाने थे और इसमें अनारक्षित वर्ग के लिए 21 पद थे। योगिता सामान्य वर्ग की आवेदक थी।

योगिता ने तमाम दस्तावेजों के साथ फेसबुक पर दर्द साझा किया है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से विशेष बातचीत के दौरान मेधावी योगिता ने कहा कि वह कानूनी राय ले रही है। उन्होंने कहा कि लिखित परीक्षा में कम अंक हासिल करने वाले उम्मीदवारों को साक्षात्कार में कहीं बेहतर अंक दिए गए। इसी कारण अंतिम मैरिट सूची में उनका स्थान 83वां रहा।

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28 वर्षीय योगिता ने पोर्टमोर स्कूल से पढ़ाई करने के बाद सैंट बीटस कॉलेज से ग्रैजुएशन की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पीजी की पढ़ाई पूरी की है। बहरहाल योगिता के इस मामले के कारण हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग की कार्यशैली पर संदेह जरूर पैदा हो गया है। इस खबर में आयोग का पक्ष नहीं आया है। यदि आयोग द्वारा एमबीएम न्यूज नेटवर्क को स्थिति स्पष्ट की जाती है तो पक्ष प्रकाशित किया जाएगा।

(यह मूलत: एमबीएम न्यूज नेटवर्क की खबर है और इसे सिंडिकेशन के तहत प्रकाशित किया गया है)

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