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In Himachal की खबर पर मुहर, ठियोग से लड़ेंगे वीरभद्र

शिमला।। मुख्यमंत्री वीरभद्र पिछली बार शिमला रूरल सीट से विधायक चुने गए थे, मगर इस बार उन्होंने वह सीट अपने बेटे विक्रमादित्य के लिए छोड़ दी है। जहां पिछले दिनों विक्रमादित्य कह रहे थे कि एक परिवार से एक ही शख्स को टिकट मिलना चाहिए, उसके उलट मुख्यमंत्री वीरभद्र ने अपने लिए नई सीट चुन ली है और वह है- ठियोग। ठियोग से कांग्रेस की वरिष्ठ मंत्री विद्या स्टोक्स विधायक हैं, मगर इस बार वह निजी कारणों से चुनाव नहीं लड़ रही हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री ने सिर्फ यह कहा है कि वह ठियोग से चुनाव लड़ेंगे, बल्कि यह जानकारी भी सामने आ गई है कि वह नामांकन कब दाखिल करेंगे।

 

जिस वक्त ये कयास लगाए जा रहे थे कि बेटे के लिए शिमला रूरल छोड़कर खुद वीरभद्र कहां लड़ेंगे, उस दौरान अर्की से लेकर चंबा तक के कयास लगाए जा रहे थे। मगर ‘इन हिमाचल’ 28 सितंबर को राजनीतिक विश्लेषण पेश करते हुए कहा था कि वीरभद्र की नजरें ठियोग सीट पर हैं (यहां क्लिक करके पढ़ें)। और इस पर मुहर लगी है और उन्होंने यहीं चुनाव लड़ने की बात कही है। वह 20 अक्तूबर को सुबह 11 बजे नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।

 

मगर कहां गया ‘अनुशासन’?
इस बीच ठियोग में कांग्रेस के एक वर्ग में दबे स्वर में कानाफूसी चल रही है। अभी प्रदेश में कहीं पर भी उम्मीदवारों के नाम की घोषणा नहीं हुई है और कांग्रेस ने इस बार एक समयसीमा के तहत टिकट के चाहवानों को आवेदन करने के लिए कहा था। ठियोग से भी 25000 रुपये जमा करवाते हुए कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने टिकट के लिए आवेदन किया था, मगर उनके नाम पर चर्चा हुए बगैर ही मुख्यमंत्री ने ऐलान कर दिया कि वह खुद यहां से चुनाव लड़ेंगे और फ्लां दिन नामांकन भरेंगे। ऐसे में टिकटार्थियों में हल्का असंतोष देखा जा रहा है। एक टिकटार्थी ने कहा कि हम पार्टी के साथ ही चलेंगे और पार्टी के उम्मीदवार को ही जिताएंगे, मगर नियम सभी के लिए समान होने चाहिए।

 

कार्यकर्ताओं में नाराज़गी
मुख्यमंत्री के इस कदम का संगठन में गलत संदेश जाने की आशंका जताई जा रही है। उदाहरण के लिए हर सीट में अगर हर कोई बिना पार्टी की तरफ से टिकटों का आधिकारिक ऐलान हुए खुद को ही कैंडिडेट घोषित कर दे तो असहज स्थिति हो जाएगी। कांग्रेस के अंदर वीरभद्र का विरोधी धड़ा नाराजगी जताता रहा है। ऐसे में मुख्यमंत्री, जो एक तरफ खुद बेटे के टिकट लिए पैरवी के लिए अपनी सीट छोड़कर किसी अन्य सीट से लड़ने का ऐलान कर चुके हैं, उनके लिए आने वाले समय में पार्टी के अंदर सवाल खड़े हो सकते हैं।

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