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हेम्प की खेती को लेकर विक्रमादित्य और अग्निहोत्री में मतभेद

शिमला।। बिना नशे वाली भांग की औद्योगिक किस्म ‘हेम्प’ की खेती को लेकर छिड़ी बहस को लेकर सरकार की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया आने के बाद अब विपक्षी दल कांग्रेस में मतभेद उभरकर सामने आ रहे हैं। जहां शिमला ग्रामीण से कांग्रेस के विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने भांग की खेती को मान्यता देने का समर्थन किया है, वहीं कांग्रेस विधायक दल के नेता और नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने इसका विरोध किया है।

इस तरह से एक ही पार्टी के दो प्रमुख नेताओं के विचार इस मुद्दे पर अलग होना चर्चा का विषय बन गया है। इसे पार्टी के अंदर संवाद की कमी के तौर पर भी देखा जा रहा है। गौरतलब है कि विक्रमादित्य सिंह ने अपने ऑफिशल फेसबुक पेज पर पोस्ट डालकर भारतीय जनता पार्टी और संघ से जुड़े नेताओं से सवाल पूछा है।

क्या है विक्रमादित्य की राय
विक्रमादित्य लिखा है, “जब हमने विधानसभा में इस माँग को उठाया था तो कुछ भाजपा और संघी नेताओ ने हमारा मज़ाक़ उड़ाया था। आज मुख्यमंत्री ने ख़ुद प्रदेश में भांग की खेती को लीगल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है तो इस पर संघी क्या कहेंगे हम भी जनना चाहेंगे?”

विक्रमादित्य सिंह

सवाल भाजपा से, जवाब मिला कांग्रेस से
हालांकि मजेदार बात यह है कि सवाल विक्रमादित्य ने भाजपा और संघ के नेताओं से पूछा था मगर जवाब उन्हीं की पार्टी के नेता मुकेश अग्निहोत्री की ओर से आया है। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री में इस विषय पर आपत्ति जताते हुए कहा है- सरकार होश में रहे।

क्या है अग्निहोत्री की राय
ऊना में मुकेश अग्निहोत्री ने प्रदेश में हेम्प की खेती को लेकर कहा, “कुछेक क्षेत्रों को फायदा पहुंचाने के लिए पूरे प्रदेश को नशे की दलदल में नहीं धकेला जा सकता। उन्होंने कहा कि सरकार को भांग की खेती के कानूनी पहलू की बजाय सामाजिक पहलू के बारे में सोचना चाहिए।”

जबकि इस विषय पर विक्रमादित्य ने फेसबुक पर लिखा है, “हमने सदन में भांग की खेती को औषधीय रूप से कैन्सर व अन्य रोगों के इलाज के रूप से उसकी खेती को कानूनी मंज़ूरी देने की बात कही थी, जिसे अन्य प्रदेशों और कई देशों मैं भी अपनाया जा रहा है। यह रोज़गार के लिए एक बड़ा साधन साबित होगा।”

विक्रमादित्य-अग्निहोत्री को विषय का ज्ञान नहीं?
हालांकि, चर्चा इस बात की भी है कि भले ही विक्रमादित्य ने भांग की खेती का समर्थन किया है और अग्निहोत्री ने विरोध मगर दोनों की ही बातें बताती हैं कि उन्हें पता ही नहीं है कि सरकार किस बारे में विचार कर रही है। विक्रमादित्य मेडिकल मैरवाना की बात कर रहे हैं जो नशे वाली किस्म होती है। सरकार जिस हेम्प की खेती के बारे में विचार कर रही है, उसे मेडिकल मैरवाना के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

इसी तरह अग्निहोत्री शायद नहीं जानते कि हेम्प को नशे के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता क्योंकि उसमें नशीले रयासन की मात्रा न के बराबर होती है।

इंडस्ट्रियल हेम्प नीचे दिए गए लिंक पर पढ़ें।

हिमाचल को मालामाल कर सकती हैं इंडस्ट्रियल भांग की खेती

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