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पर्यटक का आरोप- बाहरी होने की वजह से धर्मशाला में मुझे पीटा गया

धर्मशाला।। अपनी डॉगी जोंटी के साथ साइकल पर भारत यात्रा पर निकले 23 साल के साइकलिस्ट तेजेश्वर मादीकारा ने अपने साथ धर्मशाला में बदसलूकी का आरोप आया है। तेजेश्वर ने फेसबुक पर पोस्ट डाली है, जिसमें उन्होंने जो दावा किया है, अगर वह सच है तो वाकई रूह कंपा देने वाला है।

हालांकि अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि घटना पर क्या प्रगति हुई है और हमलावर कौन थे, जो खुद को पुलिस वाले बता रहे थे। मगर उनकी यह पोस्ट तेजी से शेयर हो रही है।

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पुलिस ने दी ये जानकारी
अब इस मामले पर पुलिस ने जानकारी दी है कि तेजेश्वर से संपर्क किया गया है और उन्होंने इस सिलसिले में शिकायत दर्ज न करवाने की इच्छा जताई है। साथ ही तेजेश्वर ने अपनी पोस्ट में सुधार कर दिया है और उन्हें अहसास हुआ है कि मारपीट करने वाले लोग पुलिसकर्मी नहीं थे। पुलिस ने यह भी कहा है कि हालांकि उसने खुद संज्ञान लेकर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के बयान को विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

क्या लिखा था तेजेश्वर ने
उन्होंने लिखा है कि 19 फरवरी को धर्मशाला के धर्मकोट में उन्होंने एक खाने की दुकान वाले से गुजारिश की कि कहीं साइकल पार्क करवा दें। उनका दावा है कि विपासना मेडिटेशन सेंटर के पास उन्होंने साइकल पार्क की और डिनर करने अपने डॉगी के साछ चले गए। जब लौटे तो कॉलोनी का गेट बंद हो चुका था। कुछ दूर उन्हें टैक्सी स्टैंड के पास शराब पीते चार लोग मिले जो खुद को सिविल ड्रेस में मौजूद पुलिसकर्मी बता रहे थे। उन्होंने मदद मांगी कि मेरी साइकल निकालने में मदद कीजिए क्योंकि मेरा सारा सामान (टेंट आदि) उसी के साथ है। तो इन लोगों ने कथित तौर पर न सिर्फ इनकार किया बल्कि नाराज़ होकर गालियां निकालीं। बाद में पिटाई की और उनके डॉगी को भी पीटा। लात घूंसो से बचकर वह भागे और सड़क पर जाकर मदद मांगी।

पिटाई के बाद दोस्तों द्वारा बनाए गए वीडियो का स्क्रीग्रैब

आगे वह बताते हैं- “सड़क पर एक कैब थी जिसमें एक भिक्षु था और पीछे एक स्कूटर। मैंने उनसे मदद मांगी। स्कूल वाले आदमी ने कहा कि मुझे वहां ले चलो जहां वो लोग हैं। मगर पता नहीं क्यों वहां पहुंचते ही वह भी उन कथित पुलिसवालों से मिल गया और मुझे पीटने लगा। इस बार लकड़ी के टुकड़े से मुझे और जोर से पीटा गया। हेलमेट की वजह से मैं बच गया। डॉगी की भी पिटाई हुई और दो मंजिल की ऊंचाई से फेंका गया। मुझे लगा बुरा सपना देख रहा हूं मगर यह हकीकत थी।”

“कुछ देर बाद कैब ड्राइवर ने हिम्मत दिखाई और उनसे कहा कि अब छोड़ दो। उसने मुझे भागने का इशारा किया औऱ मैं जंग में भाग गया और कुछ देर रुका। मेरे दोस्त आए और मुझे जख्मी हालत में देखकर हैरान रह गए। उन्होंने मेरी मदद की।”

वह लिखते हैं- “मुझे लगता है कि मुझे बाहरी होने की सजा मिली है। हालांकि उन्होंने लिखा है कि मुझे उबरने में समय लगेगा, लेकिन राज्यों की यात्रा जारी रखूंगा।”

कौन हैं तेजेश्वर
तेजेश्वर जब जयपुर गए थे तो उनके बारे में ‘भास्कर’ ने लिखा था- मैकेनिकल इंजीनियरिंग छोड़ देश के अलग-अलग रंगों को कैमरे में कैप्चर करने के लिए 23 साल के तेजेश्वर साइकिल से भारत यात्रा पर निकले। साइकिल से 14 राज्यों का सफर करना किसी चुनौती से कम नहीं पर अपने पैशन के लिए उन्होंने पथरीली राह व अन्य बाधाओं की परवाह किए बिना अपने सफर को एक सही मंजिल देना तय किया। उनके इस सुहाने सफर में उनके डॉग ‘जोंटी’ ने भी साझेदारी निभाई और साइकिल से अब तक 11 हजार किलोमीटर का सफर पूरा कर चुके हैं।

आंध्रप्रदेश के करनूल से निकले तेजेश्वर न कोई रिकॉर्ड बनाने निकले हैं, न कोई मैसेज दे रहे हैं। वे सिर्फ खुद के लिए पूरा देश घूमना चाहते हैं। उनका पैशन फोटोग्राफी है। वे एक कैमरे में पूरे देश को बसाने के लिए निकले हैं। मैकेनिकल इंजीनियरिंग के फाइनल ईयर को छोड़कर तेजेश्वर ने जब अचानक साइकिल से देश घूमने का फैसला लिया तो पूरा परिवार हैरान रह गया। लोन लेकर उन्होंने कैमरा खरीदा।

तेजेश्वर जहां भी गए, वहां के अखबारों ने उन्हें खूब तवज्जो दी है। मकैनिकल इंजिनियरिंग छोड़ अपने कैमरे से देश के रंगों को कैद करने के लिए घूम रहे

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