Site icon In Himachal | इन हिमाचल |

श्रीनगर में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुआ लाहौल-स्पीति का बेटा

उदयपुर।। लाहौल स्पीति के करपट की हवा में उदासी घुली हुई है। यह गांव अपने बेटे की शहादत पर गमगीन है। शहीद की मां तेंजिन आंगमो और दो बहनें  फूट-फूट कर रो रही हैं। मां कभी आसमान की तरफ देखती हैं तो कभी रास्ते की तरफ।

लाहौल का करपट गांव इन दिनों बाढ़ की वजह से मुसीबत में घिरा हुआ है। करपट नाले में आई बाढ़ से यहां का जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित है। इसी बीच ग्रामीणों ने गांव के एक वीर सैनिक को खो दिया, जिससे मानो गांव पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा हो।

शहीद तेंजिन छुलटिम के चाचा रमेश बताते हैं कि तेंजिन जून माह में घर आया था और 21 जून को उसने दोबारा ड्यूटी जॉइन की थी। जाने से पहले वह बहनों से वादा कर गया कि था कि जल्द छुट्टी लेकर रक्षाबंधन पर घर आने की कोशिश करेगा। मगर होनी को कुछ और ही मंजूर था।

आंतकियों से लोहा लेते हुए जनजातीय जिला लाहौल स्पीति के करपट गांव का जवान तेंजिन छुलटिम शहीद हो गया। बुधवार देर रात श्रीनगर के अलगांव में आंतकियों से मुठभेड़ के दौरान जवान के सिर पर गोली लगी थी। देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए वीर जवान शहीद हो गया। घटना के बाद समूची लाहौल घाटी में शोक की लहर है।

सेना के एक अधिकारी ने बताया कि घटना बुधवार देर रात 2:30 बजे के आसपास की है। आंतकियों से मुठभेड़ के बीच उनके सिर पर गोली लगी। शहीद जवान को लाहौल लाने के लिए सेना के उच्चाधिकारियों ने हेलीकॉप्टर की सिफारिश की है।

25 साल का तेंजिन चार साल पहले डोगरा स्काउट में सिपाही के पद पर भर्ती हुआ था। परिजनों को अब तेंजिन के पार्थिव शरीर का इंतजार है। सेना के उच्च अधिकारियों की मानें तो शहीद को उनके पैतृक गांव पहुचांने के लिए तिंगरेट हेलीपैड की जीआर ले ली गई है। शहीद तेंजिन को राजकीय सम्मान के साथ मुखा‌ग्नि दी जाएगी।

शहीद तेंजिन छुलटिम के पिता किशन चंद ने कहा कि मैंने अपना चिराग खो दिया है। लेकिन देश के लिए शहीद होने वाले बेटे की देशभक्ति को मैं सलाम करता हूं। बचपन में नकली पिस्तौल से खेलने का शौक आज उसने पूरा कर लिया है।

Exit mobile version